पहले अपने बारे लिख
(ग़ज़ल)
पहले अपने बारे लिख
फिर तू चाँद सितारे लिख
नेताओ को भ्रष्टी लिख
जनता को बेचारे लिख
बहुत लिख लिए गाँधी नेहरू
अब अन्ना हजारे लिख
आधी रात को उठ कर लिख
या फिर साँझ सकारे लिख
हर तरफ़ है आग लगी
सूखे नदिया नारे लिख
बाढ़ आयी तो नदी बह गई
टूटे हुए किनारे लिख
क्यों तू पतझड़ की सुनता है
तू तो मस्त नज़ारे लिख
जुल्फें काली काली लिख
नैनो को कजरारे लिख
आँसू को तू मीठा लिख
या सागर को खारे लिख
फिर तू चाँद सितारे लिख
नेताओ को भ्रष्टी लिख
जनता को बेचारे लिख
बहुत लिख लिए गाँधी नेहरू
अब अन्ना हजारे लिख
आधी रात को उठ कर लिख
या फिर साँझ सकारे लिख
हर तरफ़ है आग लगी
सूखे नदिया नारे लिख
बाढ़ आयी तो नदी बह गई
टूटे हुए किनारे लिख
क्यों तू पतझड़ की सुनता है
तू तो मस्त नज़ारे लिख
जुल्फें काली काली लिख
नैनो को कजरारे लिख
आँसू को तू मीठा लिख
या सागर को खारे लिख
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पता:
डॉ. रमेश कटारिया 'पारस'
ग्वालियर (मध्यप्रदेश)
-०-
बहुत बहुत बधाई है आदरणीय सुन्दर गजल के लिये।
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