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Friday 7 August 2020

वक्त (कविता) - अमित डोगरा


वक्त
(कविता)
वक्त बदलेगा,
सब कुछ बदल जाएगा,
आज तेरे साथ हूं,
फिर तेरे सामने हूंगा,
आज तेरी नजरों के सामने हूं ,
फिर सामने होते हुए भी दूर हूंगा,
आज तेरे साथ चल रहा हूं,
फिर एक नए पथ पर हूंगा ,
आज तेरी यादों में हूं,
फिर यादों से कोसों दूर हूंगा ,
आज तेरी हंसी की वजह हूं ,
फिर तेरी खामोशी का कारण हूंगा,
आज सिर्फ तेरा हूं,
फिर पता नहीं किसका हूंगा,
मैं तो वही हूं और वही रहूंगा,
बस वक्त बदल जाएगा,
साथ चलने वाला हमसफ़र
कोई और होगा
बस तुम नहीं होगे।
-०-
पता:
अमित डोगरा 
पी.एच डी -शोधकर्ता
अमृतसर

-०-

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शहर में संभावना थी (कविता) - शिवानन्द सिंह ‘सहयोगी’

बासमती का पौना
(कविता)
गाँव छोड़ा इसलिए था,
शहर में संभावना थी,
चार रोटी तो मिलेंगी,
भट्ठियों में तन तपाकर |

पास के जलवायु में तो,
ईंट-भट्ठों का धुआँ था,
पेट भी था भाड़ सा, यह
अधभरा खाली कुआँ था,
मर गए उद्यम घरेलू,
थे पड़े पगडण्डियों पर,
जेठ की दोपहरियों में,
देह की हड्डी गलाकर |

कुछ दिनों तक साँस भटकी,
कोठियों की धूल, फाँकी,
गंदगी की नालियों में,
जिन्दगी की भूल, झाँकी,
खड़े पुल की गुटरगूँ में,
आस के दीये जलाए,
बुझ रहीं चिनगारियों से,
आँच चूल्हों की जलाकर |

अब समय की धाँधली से,
मन बहुत घबड़ा रहा है,
दाँत की रक्षा किया जो,
वह नहीं जबड़ा रहा है,
आँधियों के बीच आस्था
का हिमालय गल गया है,
लौट मैं घर चल पड़ा हूँ,
भूख की गठरी उठाकर|
-०-
पता: 
शिवानन्द सिंह ‘सहयोगी’
मेरठ (उत्तरप्रदेश)
-०-


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साजन एक बार आ जाओ (गीत) - श्रीमती सुशीला शर्मा

साजन एक बार आ जाओ
(गीत)
साजन एक बार आ जाओ
भेज संदेसा इस बिरहन को
तुम विश्वास दिलाओ
साजन एक बार आ जाओ

जेठ गया  ,आषाढ बीत गया
ना ही ली नी खबरिया
अब सावन के झूले पड़ गए
तरस गई है नजरिया ।

साजन एक बार आ जाओ
भेज संदेसा इस बिरहन को
तुम विश्वास दिलाओ
साजन एक बार आ जाओ

तुम बिन सूनी मोरी अटरिया
सावन  मोहे सतावे
ठंडी-ठंडी पुरवाई में
जिया मोरा घबरावे

साजन एक बार आ जाओ

बरखा की ये छमछम बूँदे
अंग-अंग सिहराए
बिजली चमके बादल में
पिव का संदेसा लाए

साजन एक बार आ जाओ
भेज संदेसा इस बिरहन को
तुम विश्वास दिलाओ
साजन एक बार आ जाओ

राह बिछाए नैना तरसे
अब तो दरस दिखाओ
विरह वृथा को दूर करो अब
आलिंगन कर जाओ

साजन एक बार आ जाओ
भेज संदेसा इस बिरहन को
तुम विश्वास दिलाओ
साजन एक बार आ जाओ।
-०-
पता:
श्रीमती सुशीला शर्मा 
जयपुर (राजस्थान) 
-०-

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