(कविता)
हिंदी भाषा मित्र हमारी ,
सचमुच प्यारी भाषा है ।
नाम करेगी जग में अपना,
इससे ऐसी आशा है ,
जैसा लिखते वैसा पढ़ते ,
ये गुण केवल हिंदी में ।
अक्षर हमको नहीं मिलेंगे ,
कोई निर्बल हिन्दी में ।।
चार तरह से एक बात को,
कह कर हम सुख पाते हैं।
शब्दों के पर्याय हमारे ,
दुनिया भर को भाते हैं ।।
शब्दों से धनवान बहुत हम,
गर्व हमें है हिंदी पर ।
कंप्यूटर की भाषा हिंदी ,
मोबाइल है इसका घर ।।
हमको है विश्वास जगत में,
बढ़ती ही ये जाएगी ।
मान और सम्मान हमें ये,
घर घर में दिलवाएगी।।
-0-अख्तर अली शाह 'अनन्त'
हिंदी भाषा मित्र हमारी ,
सचमुच प्यारी भाषा है ।
नाम करेगी जग में अपना,
इससे ऐसी आशा है ,
जैसा लिखते वैसा पढ़ते ,
ये गुण केवल हिंदी में ।
अक्षर हमको नहीं मिलेंगे ,
कोई निर्बल हिन्दी में ।।
चार तरह से एक बात को,
कह कर हम सुख पाते हैं।
शब्दों के पर्याय हमारे ,
दुनिया भर को भाते हैं ।।
शब्दों से धनवान बहुत हम,
गर्व हमें है हिंदी पर ।
कंप्यूटर की भाषा हिंदी ,
मोबाइल है इसका घर ।।
हमको है विश्वास जगत में,
बढ़ती ही ये जाएगी ।
मान और सम्मान हमें ये,
घर घर में दिलवाएगी।।
-0-अख्तर अली शाह 'अनन्त'
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