लिजलिजे लोगों की कहानी
(आलेख)
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ये वे लोग है; जो किसी भी उम्र की महिलाओं को देखते ही अपनी लोक-लाज शर्म वर्म सब भूल कर उस आवारा आशिक की भूमिका में आ खड़े होते है कि उनका पहला जुमला ही ये होता है कि आप दुनिया की सबसे सुंदर महिला है। किसी भी एंगल से आप उस अदाकारा से भी अलग हट कर है फिर उस महिला को भी वह अधेड़ उम्र छलिये की बातें अच्छी लगने लगती है। वह अधेड़ उम्र का आशिक अपने को पचीस साल का समझने लगता है फिर शुरू होता है। प्रेम शरेम वाली बातें! अब वह महिला इंटरेस्ट लेने लगती है कि कोई परपुरुष किस हद तक जा सकता है चुनांचे हर बन्दा घर की बिरयानी से उकता चुका है। जब हदें पार कर चुके तब नम्बर एक्सचेंज फिर लव स्माईली का दौर शुरु यानी स्यापे का लोकतांत्रिक रिफेशर कोर्स आरम्भ!
जरा सोचिए ये वे अधेड़ बालिग है जो तमाम सुख की परिकल्पनाओं से कहीं आगे के लोग है जो न तो अखरोट तोड़ सकते न ही किसी बाधा दौड़ को पार कर सकने वाले सामर्थ्यवान! बस इन्हें जीवन के अलहदा सुख की तलाश है। ये वे जीव है जो सत्तर पार कर चुके हैं लेकिन प्रेम के अंकगणित को फिर से समझने का मन एक बार लगाना चाहते है। उनकी पत्नी सब जानती समझती है कि ये बुढ़ापे का शोर है, जो किसी भी खतरे से परे है
यानी कोई दुर्घटना या किसी भी प्रकार के खतरे की उम्मीद उनसे नहीं की जा सकती। बहरहाल दुनिया में पागल प्रेमी हर महल्ले,हर नगर और हर प्रदेश में है जिन्हें कुहूकने का मौलिक अधिकार है।
बहुत से लोगों को जानता हूँ। आजकल वे जरूरत से ज्यादा खुश नजर आते हैं। अच्छा है जिसके कारण उनका रक्तचाप नियंत्रण में रहता है। भला हो ऐसे लिजलिजे लोगों का जिनके कारण अतृप्त आत्माएं पहले से ज्यादा गॉसिप के मूड में है।
सुना है आजकल किट्टी पार्टियों में महिलाओं के पास नया विषय है। बढ़ती उम्र में अतिरिक्त सम्बन्ध के प्रति नैसर्गिक लगाव व स्नेह के प्रति मौलिक अवधारणा!
अजी! सुनिए टमाटर ले आओ, अभी टेलीविजन चिल्ला रहा है कि कल से इसकी भी कीमत बढ़ने वाली है। कल मैं आलू की सब्जी और कचौड़ी बनाने जा रही हूँ, बिना टमाटर कैसे बनेगी! जल्दी जाओ और जल्दी आओ। पांडेय जी ने कहा कि जी, देवी यूं गया जैसे मतदाता को किसी बादपीडित इलाके में खाद्य सामग्री का थैला किसी हेलीकाप्टर से लूटना है।
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