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Saturday 2 January 2021

अमर शहीद जवान (कविता) - श्री. अमर वडे


अमर शहीद जवान
(कविता)

लोग कहते हैं कि मैं अमर हूँ ।
क्या ? मैं सचमुच अमर हूँ
नहीं! मैं अमर नाम से नहीं,
तो मैं अमर कर्म से पहचान पाऊँ ।
अमर तो वो शहीद जवान है। 
जिन्होनें मातृभूमि की रक्षा की है।
लोग कहते हैं , मैं अमर हूँ ।
क्या ? मैं सचमुच अमर हूँ 
नहीं! मैं अमर नाम से नहीं,
तो मैं अमर धर्म से पहचान पाऊँ ।
अमर तो वो शहीद जवान है  ।
जिन्होनें मानवता की सुरक्षा की है ।
लोग कहते हैं, मैं  अमर हूँ ।
क्या ? मैं सचमुच अमर हूँ ।
नहीं! मैं अमर नाम से नहीं,
तो मैं अमर अर्थ से पहचान पाऊँ ।
अमर तो वो शहीद जवान हैं ।
जिन्होनें दानशीलता की सेवा की हैं ।
लोग कहते हैं , मैं अमर हूँ ।
क्या? मैं सचमुच अमर हूँ 
नहीं! मैं अमर नाम से नहीं,
तो अमर मोक्ष से पहचान पाऊँ ।
अमर तो वो शहीद जवान हैं,
जिन्होनें नि:स्वार्थ कर्तव्य की रक्षा की हैं ।
-०-
पता: 
श्री. अमर वडे 
कांदिवली, मुंबई  (महाराष्ट्र)

-०-

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बया (कविता) - होशियार सिंह यादव


बया
(कविता)
कुशल कारीगर बया होता,
बारिश व आंधी नहीं रोता,
सर्दी, गर्मी कभी पड़ती हो,
आराम से नींद बच्चा सोता।

टेलर बर्ड नाम होता इसका,
तिनका तिनका करे इकट्ठा,
छोटा सा यह सुंदर पक्षी हो,
ना मिले कभी हट्टा कट्टा।

सीख इसी ने दी बंदर कभी,
खोया डाला अपना इसने घर,
पर जो शिक्षा देते हैं जग को,
नहीं होना चाहिए कभी डर।

सदा सबक देता यह आया,
पक्षी  होकर यह इंसान को,
हजारों सालों से चला आया,
खोता नहीं निज पहचान को।

बया नाम का पक्षी जगत में,
छोटा,सुंदर,अजब निराला है,
उसको सदा  खुशी मिली है,
जो दे पक्षियों को निवाला है।
-०-
पता: 
होशियार सिंह यादव
महेंद्रगढ़ (हरियाणा)

-०-

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काश!मै प्रधानमंत्री होता (कविता) - सुधीर श्रीवास्तव


काश!मै प्रधानमंत्री होता

(कविता)
काश ! मैं देश का
प्रधानमंत्री होता
तो
पाक को आखिरी सबक सिखाता
फिर भी न मानता
तो इतिहास में रह जाता।
जाति धर्म का भेद मिटाता
आरक्षण हटाता,
हर गरीब को शिक्षा के लिए
आर्थिक सुविधा का कानून बनाता
मजहब के नाम पर
फूट डालने वालों
दंगा करने/कराने वालों को
आजीवन कैद का
कानून बनाता।
देश विरोधी बयान या
कृत्य वालों का
नागरिक अधिकार छीन लेता।
हर जन प्रतिनिधि की
जवाबदेही तय करता।
जनता को चुने जन प्रतिनिधियों को
वापस बुलाने का अधिकार देता।
नाम के साथ जाति लिखना
बंद करा देता।
एक देश,एक विधान,एक संविधान
सख्ती से लागू करता।
बहन बेटियों से जो भी करता
अनाचार/अत्याचार
उसको जीवनभर जेल में
रखने का प्रावधान करता।
नकसलियों, आतंकवादियों,
उपद्रवियों को
सीधे गोली मारने का फरमान सुनाता।
पूरे देश में गौहत्या पर रोक का
कानून बनाता।
समान नागरिक संहिता और
जनसंख्या नियंत्रण बिल पास कराता।
जनता की आवाज बनता
सबके हित में काम करता,
भ्रष्टाचारियों को धन संपत्ति से
मुक्त रखने का कानून बनाता,
काश !मैं देश का प्रधानमंत्री होता।
-०-
पता: 
सुधीर श्रीवास्तव
गोंडा (उत्तरप्रदेश)

-०-

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