कुछ कोरोनाएं
(कविता)
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कोरोना की वजह से
कवि सम्मेलन रद्द हुए।
(कवियों के लिए बुरी खबर ),
अब ये कवि
कविता लिखने लगे ।
(कविता के लिए अच्छी खबर )
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" कवि सम्मेलन रद्द हुआ "
मर गया कवि जीते जी,
" रद्द नही, पोसपोंड हुआ ।"
जी गया कवि मरते-मरते ।
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खूब खाना मंगवाइये
लोगों को जमा कर
धूमधाम से ' बर्थ डे ' मनाइये,
आपका खाना व्यर्थ नहीं जायेगा,
आपकी ही
तेरवीं में काम आयेगा ।
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संयम और सावधानी की
लक्ष्मण रेखा
आप मत लांघिये
बड़ा मजा आयेगा
जब हरण करनेवाला
कोरोना रावण
खुद लांघते ही
भस्म हो जायेगा ।
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सुहागरात को दुल्हन
दूल्हे को छोड़कर
घर से भाग गई,
वजह ?
बिना साबुन से हाथ धोये
दूल्हे ने दुल्हन का
घूँघट उठाने की ज़ुर्रत की थी ।
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एक मीटर की दूरी सदा बनायें रखें
एक-दूजे को
करें नहीं टच
आप कोरोना से
और देश
जनसंख्या विस्फोट से
दोनों जायें बच।
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अंत में एक " काव्य कथा "
पापा ने आज पहली बार पूरा दिन
पीहू के साथ बिताया
उसके हाथ से खाया
अपने हाथों खिलाया
टाफी और कहानी की आड
ढेर सारी बातें, ढेर सारा लाड
चहक उठी पीहू
महक उठी पीहू पूछा तो पापा ने बताया है
"ये जो कोरोना आया है
इससे कर्फ्यू लगा है
न कहीं आना, न कहीं जाना है
आज का दिन बस
पीहू के साथ बिताना है।"
पीहू और भी चहक उठी
और भी महक उठी ।
दूसरे पल उदास हो पूछा-
"पापा , क्या कोरोना अंकल कल चले जायेंगे ?
फिर नहीं आयेंगे ? "
पापा को हुआ अपनी गलतियों का एहसास
वे भी हो गये उदास।
" बोलो न पापा क्या कोरोना अंकल कल चले जायेंगे ? फिर नहीं आयेंगे ? "
" हाँ बच्चा, कल तुम्हारे कोरोना अंकल चले जायेंगे फिर कभी नहीं आयेंगे।"
दोनों और उदास हो गए।
अचानक मुस्कुराते पापा बोले-
"मगर तुम्हारे कोरोना अंकल
जाते-जाते मुझसे कह गये-
टाफी, कहानी मौज-मस्ती के साथ
रोज पीहू के साथ खेलना होगा।"
कहते हुए पापा ने अपनी बाहें फैलाई ।
" थैंक्यू कोरोना अंकल "
और पीहू पापा की गोद में आ गई।
दोनों की उदासी भाग गई
दोनों चहक उठे।
दोनों महक उठे।
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पता:
घनश्याम अग्रवाल
(हास्य-व्यंग्य कवि)
आकोला (महराष्ट्र)
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