सात रंग होली के
(कविता)
-०-सात रंग होली के किस रंग में रंग जाऊँ सारे रंग अपने हैं किस रंग में रंग जाऊँ ।। लाल रंग है मेरे प्यार का पिला रंग मेरे अपनों का नीला रंग मेरे श्याम का हरा रंग इस सृष्टि का गुलाबी रंग मेरे राधे का सफेद रंग हम सबके शांति का अब बोल रे ! राधेय मैं किस रंग में रंग जाऊँ रंग है बेशूमार मुझे इन सबसे है प्यार सात रंग की होली बता किस रंग में रंग जाऊँ ।। सुन ! वसुधा मेरी तू है सबसे प्यारी ओढी है तुने हरे रंग की चुनरी तुझपर उधेड़ दूँ मैं रंग गुलाबी तू भी लगे मुझे राधा सी प्यारी सात रंग की होली ।।
पता :
डा. वसुधा पु. कामत (गिंडे)
बेलगाव (कर्नाटक)
बेलगाव (कर्नाटक)