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Saturday 3 October 2020

तेरा आना जाना हुआ (गीत) - राघवेंद्र सिंह 'रघुवंशी'


तेरा आना जाना हुआ 
(गीत)
दिल में जब से तेरा आना जाना हुआ,
मैं तभी से तो पागल दीवाना हुआ।
था हकीकत मैं पहले जहां में सुनो,
अब महज़ मैं तो बस एक फसाना हुआ।
बनके धड़कन तुम दिल की धड़कती हो पर,
हर घड़ी फिर मुझे तुम सताती हो क्यों?
अच्छी लगती हैं तुमको जो ये दूरियां,
फिर मेरे ख्वाबों में आती जाती हो क्यों??
प्यार में तेरे मैं इस कदर खो गया,
अब तो खुद से मिले एक जमाना हुआ।
था हकीकत मैं पहले जहां में सुनो,
अब महज़ मैं तो बस एक फसाना हुआ।।
दिल में जब से तेरा आना जाना हुआ,
मैं तभी से तो पागल दीवाना हुआ..
जब तूने छोड़ा हमको मेरे हमसफर,
टूटकर सीसे सा मैं बिखरने लगा।
जख़्म तुमने मेरे दिल को इतने दिए,
मैं तेरा दर्द सहकर निखरने लगा।।
जब से गीतों में मैं तुमको लिखने लगा,
पास गीतों का मेरे खजाना हुआ।।
था हकीकत मैं पहले जहां में सुनो,
अब महज़ मैं तो बस एक फसाना हुआ।।
दिल में जब से तेरा आना जाना हुआ,
मैं तभी से तो पागल दीवाना हुआ..
-०-
पता- 
राघवेंद्र सिंह 'रघुवंशी'
हमीरपुर (उत्तर प्रदेश)

-०-

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