*** हिंदी प्रचार-प्रसार एवं सभी रचनाकर्मियों को समर्पित 'सृजन महोत्सव' चिट्ठे पर आप सभी हिंदी प्रेमियों का हार्दिक-हार्दिक स्वागत !!! संपादक:राजकुमार जैन'राजन'- 9828219919 और मच्छिंद्र भिसे- 9730491952 ***

Thursday, 26 November 2020

आज फिर (कविता) - सरिता सरस

 

आज फिर
(कविता)
आज फिर....
उसका मुस्कराता चेहरा
तैर गया मेरी आँखों में
कांप गया मेरा वज़ूद ही
उस दिन की अपनी चुप्पी पर....

जब हंसे थे कुछ लोग
उसकी विकलांगता पर,
जब बेचारा कहकर
कर दिया गया था उसे किनारे
मैंने भी तो
बड़ी दया दृष्टि से देखा था उसे
मगर,
आज वह उसकी मुस्कान
चीरती है मेरे खोखले संस्कार को
अट्टहास करती है
मेरे दिमाग के बौनेपन पर...

आज वह उसकी मुस्कान
मुझमें ज्वालामुखी - सी हलचल पैदा कर दी है...
आज जब मैं अकेले... उदास..
जीवन से हारी हुई
बैठी थी अश्रु में डूबी
ओ आया......
वही एक पैरों वाला
हौले से कंधे पर हाथ रखा
फिर वही मुस्कान तैर रही थी
उसके अधरों पर....
बोला फिक्र मत कर ऐ दोस्त
तू अकेली नहीं
मैं तुम्हारे साथ हूँ.....

कलेजे को चीर गए ये शब्द
लगा धरती कांप उठी
अम्बर डगमगा उठा.....
आज मैं समझ पाई
विकलांगता का सच...
उसने मुझे मेरे
बौनेपन से आज़ाद कर दिया......
-०-
पता:
सरिता सरस
गोरखपुर (उत्तर प्रदेश)
-०-



सरिता सरस जी की अन्य रचनाएँ पढ़ने के लिए नाम के शीर्षक चित्र पर क्लिक करें !
***
मुख्यपृष्ठ पर जाने के लिए चित्र पर क्लिक करें 

No comments:

Post a Comment

सृजन रचानाएँ

गद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०

गद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०
हार्दिक बधाई !!!

पद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०

पद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०
हार्दिक बधाई !!!

सृजन महोत्सव के संपादक सम्मानित

सृजन महोत्सव के संपादक सम्मानित
हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ