*** हिंदी प्रचार-प्रसार एवं सभी रचनाकर्मियों को समर्पित 'सृजन महोत्सव' चिट्ठे पर आप सभी हिंदी प्रेमियों का हार्दिक-हार्दिक स्वागत !!! संपादक:राजकुमार जैन'राजन'- 9828219919 और मच्छिंद्र भिसे- 9730491952 ***

Friday, 14 February 2020

माह जनवरी २०२० की उत्कृष्ट रचनाएँ

सृजन महोत्सव के माह जनवरी २०२० की उत्कृष्ट रचनाएँ 
               आप सभी को बताते हुए हर्ष हो रहा है कि दीपावली के पावन पर्व पर प्रारंभ किए इस पटल पर आज तक दो सौ अस्सी से भी अधिक साहित्यकार एवं उनकी लगभग साढ़े छह सौ से भी अधिक रचनाएं प्रकाशित की जा चुकी है. सभी रचनाकारों की विभिन्न विधाओं में प्रेषित और इस पटल पर प्रकाशित रचनाएं मौलिक एवं स्तरीय है, इसमें कोई दोराय नहीं है. आपको बताते हुए हर्ष हो रहा हैं कि मात्र जनवरी २०२० माह में देश-विदेश से लगभग २१० गद्य तथा पद्य विधाओं की रचनाएं प्रकाशित की जा चुकी है. आप सभी सृजन धर्मियों का बहुत ही अच्छा प्रतिसाद, स्नेह और प्रेम मिल रहा हैं. इसके चलते आज तक लगभग २८,००० से भी अधिक  लोगों ने इस पटल को भेट दी है.
              आज इस पटल के माह जनवरी २०२० के सर्वाधिक पसंदीदा गद्य और पद्य विधा की भारतीय रचनाओं के रचना शिल्पियों सहित विदेशी रचना शिल्पियों के योगदान को ध्यान में रखते हुए प्रति माह एक विदेशी रचनाकार को भी सृजन महोत्सव परिवार की और से सम्मानित किया जा रहा है. वह निम्न हैं -
ललितपुर (काठमांडू -नेपाल) से पटल से निरंतर जुडी
संगीता ठाकुर जी की कविता 
'अपना दायित्व पूर्ण करें' पर
'विदेशी सृजन शिल्पी'
सम्मान से 
पटल की ओर से सम्मानित करते हुए तथा
 सम्मान पत्र सपुर्द करते हुए हर्ष हो रहा हैं.

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-०-

पद्य विधा में भारत वर्ष के चित्तौडगढ़ (राजस्थान) के
अमन न्याती जी की रचना '!! मैं देश बदलने निकला हूँ !!' पर
'पद्य सृजन शिल्पी' 
सम्मान से 
पटल की ओर से सम्मानित करते हुए तथा
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गद्य विधा में भारत वर्ष के लखनऊ (उत्तरप्रदेश) की
अपर्णा गुप्ता जी की लघुकथा 
'नया साल' पर
'गद्य सृजन शिल्पी'
सम्मान से 
पटल की ओर से सम्मानित करते हुए तथा
 सम्मान पत्र सपुर्द करते हुए हर्ष हो रहा हैं. 

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दोनों सृजन शिल्पियों का एवं हमारे साथ जुड़े सभी साहित्य कर्मियों का
हार्दिक आभिनंदन !!!




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बेटियों की सुरक्षा (कविता) - राजेश कुमार शर्मा"पुरोहित"


बेटियों की सुरक्षा
(कविता)
आगत का स्वागत नवागत का स्वागत करें।
करें विस्मृत अतीत को वर्तमान से सन्तुलन करें।।

आँख नम हो गई सुन शहीदों के परिवार की बातें।
आओ हम वतन की हिफाजत के रखवालों की बात करें।।

दे सके न जान सरहद पर भले ही हम दोस्तों।
मगर देश हित छोटे छोटे काम अवश्य शुरू करें।।

हम सुभाष आज़ाद भगतसिंह के देश से हैं याद रखो।
स्वाभिमान से स्वच्छन्द उड़ने की फिर से बात करें।।

बेटियों को बचाने का नारा देकर चुप जो बैठ गए।
उनको जगाकर बेटियों की सुरक्षा की बात करें।।
-०-
राजेश कुमार शर्मा"पुरोहित"
कवि,साहित्यकार
झालावाड़ (राजस्थान)

-०-


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अब सारी उम्मीदें (ग़ज़ल) - अमित खरे

अब सारी उम्मीदें
(ग़ज़ल)
अब सारी उम्मीदें छोड़ दी मैंने
वो प्यासी आंखें ने निचोड़ दी मैंने

परिंदा इश्क का घायल तो था ही
उसकी साँसें भी तोड़ दी मैंने

गजल हुई या नहीं तुम जानो
बस कुछ कहानियाँ जोड़ दी मै ने

हथेलियां यूँ ही लाल नहीं हुईं
गुलाब की कुछ शाखें मरोड़ दी मैंने

निगाहों का नशा मदहोश किए हैं
जितनी बोतलें थी सब तोड़ दी मै ने
-०-
अमित खरे 
दतिया (मध्य प्रदेश)
-०-




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सीधी-सच्ची बात (लघुकथा) - मुकेश कुमार 'ऋषि वर्मा'

सीधी-सच्ची बात
(लघुकथा)
काँइं - काँइं करती हुई लँगड़ी कुतिया अपना टूटा पैर खींचती हुई बाहर चली गई | काकी ने बड़ी जोर से बेचारी कुतिया की पीठ पर डडोका (लट्ठ) जो मारा था |
काकी की ये हरकत आर्यन को कतई अच्छी नहीं लगी | वो रुआँसा सा होकर काकी से बोला -‘ काकी तुम बुरी हो, तुमने उस बेचारी कुतिया में डंडा क्यों मारा ? अगर तुम उसे रोटी का एक टुकड़ा भी नहीं डाल सकती तो कम से कम डंडा तो मत मारो | बेचारी का एक पैर टूटा है |’
‘अरे ! वो जाती कहाँ है ? कितनी बार भगाया, बार-बार आ जाता है |’ काकी झल्लाती हुई बोली |
‘और वो... तिलक वाला ! जो आड़े-तिरछे तिलक लगाकर रोज-रोज आता है | उसे तो तुम थाली भरकर आटा दे देती हो | देखा नहीं कितना मोटा-तगड़ा पट्ठा जवान है |’ आर्यन काकी पर गुस्सा होता हुआ बोला |
‘अरे बेटा ! वे ब्राह्मण देवता हैं, अगर उन्हें दान-दक्षिणा नहीं देंगे तो वे श्राप दे देंगे | समझे...!’ काकी आर्यन को समझाते हुए प्यार से उसके सिर पर हाथ फैरते हुए बोली |
‘पर... काकी, बेचारी उस लँगडी कुतिया का तो कोई घर नहीं, कोई खेत नहीं, उसके पास खाने को भी कुछ नहीं ऊपर से पैर भी टूटा और भूल से किसी के घर - आँगन चली जाये तो मार खाती है, फिर भी किसी को श्राप नहीं देती | कितनी अच्छी है न वो’.... आर्यन एक सांस में सीधी-सच्ची बात कह गया |
आर्यन के इस भोलेपन पर लट्टू होते हुए काकी ने उसे अपने सीने से चिपका लिया |
-०-
मुकेश कुमार 'ऋषि वर्मा'
फतेहाबाद-आगरा. 
-०-

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रणचंडी बनना होगा (कविता) - छगनराज राव

रणचंडी बनना होगा
(कविता)
पापी दुष्टों का वध करना होगा
नारी को रणचंडी बनना होगा

तुम दुर्गा कालका भवानी हो
तुम चामुंडा सिंह असवारी हो
नारी तुम सबला हो अबला कैसे
वैष्णो ने भैरों को मारा कैसे
ऐसे रौद्र रूप को जगना होगा
नारी को रणचंडी बनना होगा

बाधाओं का रुख तुम आज मोड़ दो
दरिंदों को सबक सिखा के छोड़ दो
तुमको हाथ छुए तो हाथ तोड़ दो
जो आँख दिखाए तो आँख फोड़ दो
चाकू खंजर अपना रखना होगा
नारी को रणचंडी बनना होगा

पद्मनी थी जो सूरत न दिखने दी
प्राण दिए पर अस्मत न लूटने दी
लक्ष्मी के हाथों में तलवारें थी
झुंझी पर झाँसी को ना झुकने दी
वीरांगनियों जैसे पलना होगा
नारी को रणचंडी बनना होगा

बहुत सह लिया इन अत्याचारों को
ऐसे मत छोड़ों उन हत्यारों को
हर जन को पड़ जाए मालूम यहां
ऐसा संशोधन हो कानून यहां
भेड़ियों को फांसी लटकना होगा
नारी को रणचंडी बनना होगा

पापी दुष्टों का वध करना होगा
नारी को रणचंडी बनना होगा
-०-
पता
छगनराज राव
जोधपुर (राजस्थान)
-०-

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कोटा शहर के (कविता) - श्रीमती कमलेश शर्मा

कोटा शहर के
(कविता)
कोटा में नवजात शिशुओं की मौत पर
***
रोज़ गिन रही हूँ....।
कोटा शहर के ,जे.के.लोन अस्पताल में,
नवजात शिशुओं की मौत का आँकड़ा,
जो पार कर गया सैकड़ा।
माँओंकी उजड़ रही गोद,
सुन रही हूँ....,
ख़ामोशी का पसरता शोर।
सरकार उदासीन...,संवेदनहीन..।
कैसे होगा इसका निवारण..?
जानना होगा, इसका कारण ।
ठण्डी बयार ...? उपचार का अभाव...?
या ख़राब उपकरण ..?
जनता जानने को बेताब,
दम तोड़ चुके वेंटिलेटर, वार्मर ख़राब।
चिकित्सा सेवाओं में बरती लापरवाही,
प्रशासन को ख़ामियाँ ,नज़र नहीं आ रही।
मासूमों की मौत पर राजनीति ...?
बयान बाज़ी...?
नेताओं पर पैसे की बर्बादी..?
क्या होगा इससे ज़्यादा शर्मनाक..?
कैसे मिले सरकार की,योजनाओं का लाभ?
ताकी शिशुओं का हो पाए,
समय पर इलाज ।
मासूमों की मौत पर,
राजनीति का सिलसिला चलता रहेगा,
प्रशासन मंत्रियों की आवभगत में व्यस्त रहेगा ?
संवेदनहीनता बरक़रार रहेगी ?
इंसानियत शर्मसार रहेगी ?
क्यों नहीं तय कर पा रहा प्रशासन ?
लापरवाही किसकी ज़िम्मेवारी है ?
ऐसा लगता है....,
संवेदनहीनता ही बच्चों की हत्यारी है।
-०-
पता
श्रीमती कमलेश शर्मा
जयपुर (राजस्थान)
-0-


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सृजन रचानाएँ

गद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०

गद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०
हार्दिक बधाई !!!

पद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०

पद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०
हार्दिक बधाई !!!

सृजन महोत्सव के संपादक सम्मानित

सृजन महोत्सव के संपादक सम्मानित
हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ