अपना दायित्व पूरा करें
(कविता)
बच्चे हमारे
भविष्य है
वे ही सृष्टि के
नीव है ।
मानव जीवन के
स्तम्भ है
वे नवयुग के
कर्णधार है ।
कल के इस धरातल पे
आज अंकुरित
बीज है ।
भविष्य में सुन्दर मीठे फल के
आज के होनहार
रिष्ट पुष्ट स्वच्छ वृक्ष है ।
चलो आओ हम
आज उन्हे
अपने सुन्दर कर्मो के छाव तले
शितल ममता और संस्कारों से
भेद–भाव रहित निर्मल
मन के धारो से
दिनरात उन्हे हम
खूब सिंचे
शिक्षा, दिक्षा और स्नेहो से
उनका जड़ मजबूत करे ।
भविष्य अपना उज्ज्वल करे
मानव जीवन
सुदृढ़ करे
नयावर्ष में नवसंकल्प करे
विश्व के नन्हे
सुरक्षित करे
अपना दायित्व पूरा करे ।।
-०-
संगीता ठाकुर
ललितपुर (काठमांडू - नेपाल)
सृजन महोत्सव के संपादक मंडल को तहे दिल से आभार प्रकट करती हूं। मुझे ईश बहुमूल्य खुबसूरत आनलाइन पटल पर स्थान देन के लिये दिल से आँप का आभार। सदैव आप का साथ मिलता रहे। संगीता ठाकुर, काठमाडौ नेपाल।
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