आम लड़कियो की कहानी
(कविता)
लड़की पढ़ाओ,देश बढ़ाओ सब ने सुना होगा।
लड़की को मां-बाप ने पढ़ाया भी होगा।।
पढ़ाया पैसा खर्च किया फिर दहेज भी दिया होगा।
ससुराल मे अपने दिल के टुकड़े को भेजा भी होगा।।
लड़की ने अपने पैरो पर खड़े होने की ललक भी रखी होगी।
अपने बल पर कुछ कर गुजरने की ठानी होगी।।
दो परिवारो की मान- प्रतिष्ठा सम्मान बढ़ाने की सोची होगी।
क्या करे जब गाँव के कुछ कायदे कुछ सोच सामने आई होगी।।
अपनी सोच जब ससुराल पक्ष से टकराई हाेगी।
आपने सपनो को त्याग कर बड़ो की बात मानी होगी।।
अपनी पढ़ाई अपने सपने ताक पर रखना पड़ा होगा।
कितने सवालो से जूझते हुये अपने सपने इच्छा त्यागी हाेगी।।
बाप ने जो पढ़ाया लड़की ने जो पढ़ा होगा।
सब बलि ससुराल के पक्ष के व्यक्तियो के लिए चढ़ा दी होगी।।