*** हिंदी प्रचार-प्रसार एवं सभी रचनाकर्मियों को समर्पित 'सृजन महोत्सव' चिट्ठे पर आप सभी हिंदी प्रेमियों का हार्दिक-हार्दिक स्वागत !!! संपादक:राजकुमार जैन'राजन'- 9828219919 और मच्छिंद्र भिसे- 9730491952 ***

Wednesday, 22 January 2020

सात सूर (कविता) - राजू चांदगुडे

सात सूर
(कविता)
सात सुरोंका संगम न्यारा,
जिससे सजता गीत सुनहरा।
जीवन के हर सुख दुख मे,
ना छोडेगा जो साथ हमारा।।

प्यारा प्यारा गीत बनाके,
दिल को जो बहलाता है।
सप्तसुरों को सजा दिया तो,
बिखरा जीवन फिर बनता है।।

बांध के पैरो मे पैंजन,
हाथो मे करे चुडीया खन खन।
लय मे चलना, सूर से मिलना,
यही तो है संगीत का जीवन।।

बच्चो सूनलो, इसको चुनलो,
झुमो-नचो-गावो तुम।
लेहेरा दो हवा मे पतंगे,
दिल से दिल को निभावो तुम।।

जो भी दुनिया से है हारा,
उसके लिये संगीत सूनहरा।
सात सुरों का संगम न्यारा,
जीससे सजती जीवन धारा।।-०-
पता:
राजू चांदगुडे
पुणे (महाराष्ट्र)

-०-

***
मुख्यपृष्ठ पर जाने के लिए चित्र पर क्लिक करें 

No comments:

Post a Comment

सृजन रचानाएँ

गद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०

गद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०
हार्दिक बधाई !!!

पद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०

पद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०
हार्दिक बधाई !!!

सृजन महोत्सव के संपादक सम्मानित

सृजन महोत्सव के संपादक सम्मानित
हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ