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Wednesday 22 January 2020

सात सूर (कविता) - राजू चांदगुडे

सात सूर
(कविता)
सात सुरोंका संगम न्यारा,
जिससे सजता गीत सुनहरा।
जीवन के हर सुख दुख मे,
ना छोडेगा जो साथ हमारा।।

प्यारा प्यारा गीत बनाके,
दिल को जो बहलाता है।
सप्तसुरों को सजा दिया तो,
बिखरा जीवन फिर बनता है।।

बांध के पैरो मे पैंजन,
हाथो मे करे चुडीया खन खन।
लय मे चलना, सूर से मिलना,
यही तो है संगीत का जीवन।।

बच्चो सूनलो, इसको चुनलो,
झुमो-नचो-गावो तुम।
लेहेरा दो हवा मे पतंगे,
दिल से दिल को निभावो तुम।।

जो भी दुनिया से है हारा,
उसके लिये संगीत सूनहरा।
सात सुरों का संगम न्यारा,
जीससे सजती जीवन धारा।।-०-
पता:
राजू चांदगुडे
पुणे (महाराष्ट्र)

-०-

***
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