☆☆कोरोना और हमारा जीवन☆☆
(नज्म)किस काम का , यह मिलना मिलाना
संक्रमित कर देगा , हमें बाहर जाना
इम्तिहान है वक्त का , घर में गुजारे
चाहता हूं बात , बस यह समझाना
घर में ही है जीवन सुरक्षित
भागे "कोरोना" है अब लक्षित
एकांत को ही है सशक्त बनाना
संयम,अनुशासन की है यह साधना
सब के आरोग्य की है जो कामना
सह अस्तित्व का पाठ स्वयं को पढ़ाना
त्रासदी विकराल जो बन पड़ी है
सामाजिकता के बल इतना बढी है
विरासत हमारी हमें नहीं है भूलाना
लॉकडाउन में जीवन का ही भला है
ना बदले खुद को तो सिलसिला है
छूना छुआना हमें "कोरोना" घटाना
दृढ़ संकल्प हमारा , ताकत हमारी
इच्छा शक्ति से ही मिटेगी बीमारी है
"कोरोना”का डर है दिल से मिटाना
समय बहुत सारा दिनचर्या को हमारे
रचना कलाओं आत्म प्रशिक्षण में गुजारे
आत्मविश्वास के बल हमें पार जाना
समझो बुझाओ सबको जीवन गाथा
हौसला रखो जरूर मिटेगा सन्नाटा
जीवन का फिर से होगा ताना-बाना
कौन जानता है शत्रु कब जाएगा
विपत्ति मे मन क्षणिक घबराएगा
ले दीप्तम् से कैसा डरना डराना
घर में खुशहाली संग परिवार है
संस्कृति हमारी यह संस्कार है
वासुदेव कुटुंबकम हमारा तराना
समझो बुझाओ सबको जीवन गाथा
हौसला रखो जरूर मिटेगा सन्नाटा
जीवन का फिर से होगा ताना-बाना
कौन जानता है शत्रु कब जाएगा
विपत्ति मे मन क्षणिक घबराएगा
ले दीप्तम् से कैसा डरना डराना
घर में खुशहाली संग परिवार है
संस्कृति हमारी यह संस्कार है
वासुदेव कुटुंबकम हमारा तराना
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