*** हिंदी प्रचार-प्रसार एवं सभी रचनाकर्मियों को समर्पित 'सृजन महोत्सव' चिट्ठे पर आप सभी हिंदी प्रेमियों का हार्दिक-हार्दिक स्वागत !!! संपादक:राजकुमार जैन'राजन'- 9828219919 और मच्छिंद्र भिसे- 9730491952 ***

Tuesday 25 February 2020

करो दिल का धन्यवाद (कविता) - देवकरण गंडास 'अरविन्द'

करो दिल का धन्यवाद
(कविता)
जमाने की चारदीवारी में कैद हो गए हैं हम भले ही
लेकिन दिल के अरमान परिंदे की तरह हैं आज़ाद।
भले ही उजड़ गई हैं बस्तियां जमाने के आंधियों में
मगर दिल की बस्ती रह गई है सदा सर्वदा आबाद।

बहुत कुचक्र चलाए जमाने ने आशिकों के खिलाफ
वो नहीं जानते इश्क़ के आशियाने होते नहीं बर्बाद।

भले नफ़रत की जोत जला लो, अंगारों से जला दो
प्यार की दो बूंदे कर देंगी निर्जन उपवन को शाबाद।

इश्क़ ख़ुदा की नेमत प्यारे, इश्क़ करो तुम अरविन्द
इश्क़ ही जोड़ेगा जगत को, करो इश्क़ का धन्यवाद।
-०-
पता:
देवकरण गंडास 'अरविन्द'
चुरू (राजस्थान)
-०-


***
मुख्यपृष्ठ पर जाने के लिए चित्र पर क्लिक करें 

No comments:

Post a Comment

सृजन रचानाएँ

गद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०

गद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०
हार्दिक बधाई !!!

पद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०

पद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०
हार्दिक बधाई !!!

सृजन महोत्सव के संपादक सम्मानित

सृजन महोत्सव के संपादक सम्मानित
हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ