(कविता)
मैं तीन पग से
पूरी दुनिया,
मापना चाहता हूँ
वामन की तरह।
मैं चाहता हूं कि
मेरा पग
इतना बड़ा हो जाए कि
उसमें
सारी दुनिया समा जाए ;
लेकिन
नहीं मिलता मुझे
राजा बलि का सिर ,
जिस पर रख सकूँ
अपना पाँव ।
-०-
आदित्य अभिनव उर्फ डॉ. चुम्मन प्रसाद श्रीवास्तव
कौशाम्बी (उत्तर प्रदेश)
आदित्य अभिनव' जी की रचनाएं पढ़ने के लिए शीर्षक चित्र पर क्लिक करें!