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गोपाल सिंह सिसोदिया

गोपाल सिंह सिसोदिया
नाम - एस.जी.एस. सिसोदिया (श्रीगोपाल सिंह सिसोदिया)
माता – स्व: श्रीमती रतन देवी
पिता - श्री गजाधर सिंह सिसोदिया
जन्म - 15-07-1970, ग्राम- छटीकरा, जिला- मथुरा, उत्तर प्रदेश
शिक्षा - प्रारम्भिक ग्राम छटीकरा के ही प्राथमिक विद्यालय में। परन्तु सात वर्ष की आयु में चेचक महामारी से ग्रस्त होने तथा उसके चलते आँखों की ज्योति सदैव के लिए पूर्ण रूपेण खो देने के पश्चात् वृन्दावन के एक छोटे-से दृष्टिबाधितों के विशेष विद्यालय में पुनः शिक्षा से जुड़ना। उसके पश्चात् क्रमशः सूरकुटि, रुणकता, जिला आगरा, उत्तर प्रदेश में कक्षा पाँचवीं तक, कक्षा छठी से आठवीं तक मरुधर अंधविद्यालय, बागर चौक, जोधपुर, राजस्थान में। कक्षा नौवीं से बारहवीं तक सीनियर सेकेंडरी ब्लाइंड स्कूल, आदर्श नगर, अजमेर, राजस्थान में। स्नातक अजमेर के मशहूर महाविद्यालय गवर्मेंट कॉलेज ऑफ अजमेर (जी.सी.ए.) से एवं स्नातकोत्तर हिन्दी विषय में सन 2000 में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (शिमला) से।
व्यवसायिक प्रशिक्षण - स्नातक होने के पश्चात् हिन्दी आशुलिपिक प्रशिक्षण “ऑल इंडिया कन्फेडरेशन ऑफ दि ब्लाइंड” दिल्ली सन 1991-92 में तथा उसके पश्चात् उसी संस्थान में अवैतनिक एक वर्ष तक कार्य।
रोज़गार - मई 1994 में सरकारी सेवा में बतौर आशुलिपिक कार्यभार ग्रहण, जुलाई 2000 में मुख्य लिपिक के रूप में पदोन्नति, जुलाई 2008 में सहायक रोज़गार अधिकारी के रूप में पदोन्नत। वर्तमान में शिक्षा विभाग दिल्ली सरकार में कार्यालय अधीक्षक तथा डी.डी.ओ.शिप का अतिरिक्त कार्यभार।
साहित्यिक यात्रा - 
बचपन से ही कविताएं, गीत, गज़लें तथा मुक्तक लिखने की रुचि। कालान्तर में गद्य विधा से आकर्षित तथा निबन्ध, कहानियाँ आदि लिखना प्रारम्भ। इस बीच विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में लेख, कविता, गीत तथा गज़लें प्रकाशित (विशेष रूप से ब्रेल लिपि में) राष्ट्रीय कवि संगम की गोष्ठियों में सक्रीय रूप से भाग लेना। इसके अतिरिक्त नवांकुर एवं ऐसी ही अन्य संस्थानों के गोष्ठियों एवं कवि सम्मेलनों में सक्रीय भागीदारी।
प्रकाशित पुस्तकें - 
“संघर्ष” कहानी-संग्रह 2014 में, “प्रेमांजलि” उपन्यास 2016 में तथा “वापसी” कहानी-संग्रह 2017 में, “उसकी कहानी” उपन्यास 2017 में। उपरोक्त चारों ही पुस्तकें दृष्टिबाधित व्यक्तियों हेतु ब्रेल लिपि में प्रकाशित तथा इसी प्रकार ये पुस्तकें ऑडियो फार्मेट में भी उपलब्ध हैं। इसके अतिरिक्त एक उपन्यास प्रकाशाधीन तथा दो पुस्तकों पर कार्य जारी। “प्रेमांजलि” उपन्यास व “वापसी” कहानी संग्रह का अंग्रेजी भाषा में डॉ. एम.पी. यादव द्वारा अनुवाद किया जा रहा है।
सम्मान -
के.बी.एस प्रकाशन, दिल्ली के सम्मान क्रमशः 2016 तथा 2017 द्वारा सम्मानित। 2017 में ट्रू मीडिया गौरव सम्मान से सम्मानित। 2017 में ही जोधपुर राजस्थान की संस्था सोसायटी फॉर एजूकेशन तथा दिव्यांग सेवा समिति द्वारा सम्मानित। 2018 में साहित्य मंडल नाथद्वारा राजस्थान द्वारा साहित्य कुसुमाकर मानद उपाधि से सम्मानित। के.बी.एस प्रकाशन, दिल्ली द्वारा ‘काव्य अनुराग’ सम्मान 2018 से सम्मानित।
सामाजिक एवं साहित्यिक सेवा - नवंबर 2002 में “इंडियन एसोसिएशन ऑफ दि ब्लाइंड” की स्थापना की गयी, जिसके संस्थापक सदस्य होने के साथ-साथ महासचिव की अति महत्वपूर्ण जिम्मेदारी। इस संस्था के माध्यम से लगातार दृष्टिबाधित व्यक्तियों के शैक्षणिक एवं सामाजिक उत्थान के प्रयास किये जा रहे हैं। प्रत्येक वर्ष दृष्टिबाधित छात्र/छात्राओं हेतु विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है ताकि उनकी प्रतिभा का विकास हो सके। खेल के क्षेत्र में वे किसी प्रकार भी पीछे न रहें इस हेतु क्रिकेट तथा शतरंज प्रतियोगिताओं का भी समय-समय पर आयोजन किया जाता है। इसके अतिरिक्त एक ऑडियो लाइब्रेरी भी चलाई जा रही है, जिसके माध्यम से देश भर के सैकड़ों व्यक्तियों तक अध्ययन सामग्री निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है।
साहित्य के क्षेत्र में भी अभी हाल ही में “प्रणेता” नामक साहित्यिक / सामाजिक / सांस्कृतिक संस्था का उदय हुआ है। उपरोक्त के संस्थापक तथा महासचिव। नवोदित साहित्यकारों को एक मंच उपलब्ध कराने के उद्देश्य से इसकी स्थापना की गयी है।
संपर्क
एस.जी.एस. सिसोदिया (श्रीगोपाल सिंह सिसोदिया)
पता - फ्लैट न. 1654, टाईप-4, दिल्ली सरकार आवासीय परिसर, गुलाबी बाग, दिल्ली

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