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Friday, 14 August 2020

मैं चलता रहा (कविता) - रवीन्द्र मारोठी 'रवि'


मैं चलता रहा
(कविता)
मैं चलता रहा ,
मगर कदम मेरे रूके नहीं ।
हटे नहीं बहके नहीं कदम मेरे ,
तपती दोपहर में सब याद दिला गया ।।
मैं रोता रहा,
मगर हृदय पसीजा नहीं उनका ।
खाना नहीं पानी से भूख मिटाता रहा ,
राहों पर मंजिल को भटकता रहा ।।
मैं खोता रहा,
दुनिया के एहसानों तले मगर ।
खुद के हाथों की लकीरों में,
किस्मत की रेखा को ढुढ़ता रहा ।।
मैं दौड़ता रहा,
मीलों नगें पैरों से मगर ।
रोटी रोजी का ठिकाना न रहा ,
बेगाना कोई अपना न रहा ।।      
मैं चलता रहा मगर ,
राहों पर ठिकाना न मिला ।
चलता रहा मद-मस्त चाल ,
मौत का सहारा ही मिला ।।
मैं तड़फता रहा मगर ,
इलाज को सहारा न मिला ।
मैं डुब गया उदय होते ही ,
मेरे उत्थान को कोई बहाना न मिला ।।
-०-
पता:
रवीन्द्र मारोठी 'रवि'
बागेश्वर (उत्तराखण्ड)

-०-


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मां तुम तो (कविता) - नीलम सपना

मां तुम तो
(कविता) 
मां तुम तो
प्रथम गुरु हो मेरी
जीवन के सारे सबक
सीखे तुम्हीं से
तभी तो आज
कलम चली है मेरी
जब भी कभी
मन घबराता है मेरा
कर लेती हूं आंखें बंद
जहन उभरता है अक्स तेरा
याद आने लगता है
वो सलीके से
काम करना तेरा
जीती थी तुम
जिंदगी को
कितनी तरतीब से
कितना अटपटा सा
लगता था मुझे
पर आज वही तरतीबी
मैंने भी तो अपना ली है
मैंने भी धीरे धीरे
अपना ही लिया है
तेरा वो ही ढब
वरना मैं तो
हो चली थी बेढब
अब हो गई हूं
अकेली तन्हा
जैसे कोई भी
अपना न रहा
तब सपने में आती हो
मुझे समझाती हो
उस पल मैं
तुम्हें अपने साथ पाती हूँ
मीठे मीठे अहसासों से
अपने को लबरेज पाती हूँ
-०-
पता:
नीलम सपना 
जयपुर (राजस्थान)
-

-०-



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कोरोना (कविता) - रामगोपाल राही

कोरोना
(कविता)
सबको ही बस याद कोरोना ,
बना हुआ अवसाद कोरोना |
सब चिंता में व दुविधा में ,
नानी आ रही याद कोरोना ||

ईश्वर आऐ याद कोरोना ,
अल्लाह से फरियाद कोरोना ,|
सभी भयातुर आतुर व्यातुर,
कम सभी अपराध कोरोना ||

सब के सब बेजार कोरोना ,
बंद हुए बाजार को कोरोना |
घर में उत्सव मंदिर ,मस्जिद ,
घर में हर त्योहार कोरोना ||

लॉकडाउन का फंद कोरोना ,
अक्ल हो रही मंद कोरोना |
सुख में भी बेचैन घरों में ,
वाहन सब ही बंद कोरोना ||

चहुँ हुआ सुनसान कोरोना ,
सब के सब हैरान कोरोना |
हुए घरों में कैद सभी ही ,
लघु बड़े इंसान कोरोना ||

अलर्ट प्रशासन हुआ कोरोना ,
नित संक्रमण -हुआ कोरोना |
देवदूत सब व्यस्त चिकित्सक,
अपने घर कल्याण कोरोना ||

कर्फ्यू सा आगाज कोरोना ,
कलेक्टर सरताज कोरोना |
पग-पग जाल पुलिस का फैला ,
घर में रहो विराज ,-कोरोना ||

सोचो समझो कहर कोरोना ,
सूक्षम घातक जहर कोरोना|
विषम कीटाणु व्याप्त चहुँ ही ,
हवा में हर पहर कोरोना ||
-०-
पता
रामगोपाल राही
लाखेरी  
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