*** हिंदी प्रचार-प्रसार एवं सभी रचनाकर्मियों को समर्पित 'सृजन महोत्सव' चिट्ठे पर आप सभी हिंदी प्रेमियों का हार्दिक-हार्दिक स्वागत !!! संपादक:राजकुमार जैन'राजन'- 9828219919 और मच्छिंद्र भिसे- 9730491952 ***

Friday, 14 August 2020

मैं चलता रहा (कविता) - रवीन्द्र मारोठी 'रवि'


मैं चलता रहा
(कविता)
मैं चलता रहा ,
मगर कदम मेरे रूके नहीं ।
हटे नहीं बहके नहीं कदम मेरे ,
तपती दोपहर में सब याद दिला गया ।।
मैं रोता रहा,
मगर हृदय पसीजा नहीं उनका ।
खाना नहीं पानी से भूख मिटाता रहा ,
राहों पर मंजिल को भटकता रहा ।।
मैं खोता रहा,
दुनिया के एहसानों तले मगर ।
खुद के हाथों की लकीरों में,
किस्मत की रेखा को ढुढ़ता रहा ।।
मैं दौड़ता रहा,
मीलों नगें पैरों से मगर ।
रोटी रोजी का ठिकाना न रहा ,
बेगाना कोई अपना न रहा ।।      
मैं चलता रहा मगर ,
राहों पर ठिकाना न मिला ।
चलता रहा मद-मस्त चाल ,
मौत का सहारा ही मिला ।।
मैं तड़फता रहा मगर ,
इलाज को सहारा न मिला ।
मैं डुब गया उदय होते ही ,
मेरे उत्थान को कोई बहाना न मिला ।।
-०-
पता:
रवीन्द्र मारोठी 'रवि'
बागेश्वर (उत्तराखण्ड)

-०-


रवीन्द्र मारोठी 'रवि' जी की रचनाएं पढ़ने के लिए शीर्षक चित्र पर क्लिक करें! 

***
मुख्यपृष्ठ पर जाने के लिए चित्र पर क्लिक करें 

No comments:

Post a Comment

सृजन रचानाएँ

गद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०

गद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०
हार्दिक बधाई !!!

पद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०

पद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०
हार्दिक बधाई !!!

सृजन महोत्सव के संपादक सम्मानित

सृजन महोत्सव के संपादक सम्मानित
हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ