कोरोना
(कविता)
सबको ही बस याद कोरोना ,
बना हुआ अवसाद कोरोना |
सब चिंता में व दुविधा में ,
नानी आ रही याद कोरोना ||
ईश्वर आऐ याद कोरोना ,
अल्लाह से फरियाद कोरोना ,|
सभी भयातुर आतुर व्यातुर,
कम सभी अपराध कोरोना ||
सब के सब बेजार कोरोना ,
बंद हुए बाजार को कोरोना |
घर में उत्सव मंदिर ,मस्जिद ,
घर में हर त्योहार कोरोना ||
लॉकडाउन का फंद कोरोना ,
अक्ल हो रही मंद कोरोना |
सुख में भी बेचैन घरों में ,
वाहन सब ही बंद कोरोना ||
चहुँ हुआ सुनसान कोरोना ,
सब के सब हैरान कोरोना |
हुए घरों में कैद सभी ही ,
लघु बड़े इंसान कोरोना ||
अलर्ट प्रशासन हुआ कोरोना ,
नित संक्रमण -हुआ कोरोना |
देवदूत सब व्यस्त चिकित्सक,
अपने घर कल्याण कोरोना ||
कर्फ्यू सा आगाज कोरोना ,
कलेक्टर सरताज कोरोना |
पग-पग जाल पुलिस का फैला ,
घर में रहो विराज ,-कोरोना ||
सोचो समझो कहर कोरोना ,
सूक्षम घातक जहर कोरोना|
विषम कीटाणु व्याप्त चहुँ ही ,
हवा में हर पहर कोरोना ||
सबको ही बस याद कोरोना ,
बना हुआ अवसाद कोरोना |
सब चिंता में व दुविधा में ,
नानी आ रही याद कोरोना ||
ईश्वर आऐ याद कोरोना ,
अल्लाह से फरियाद कोरोना ,|
सभी भयातुर आतुर व्यातुर,
कम सभी अपराध कोरोना ||
सब के सब बेजार कोरोना ,
बंद हुए बाजार को कोरोना |
घर में उत्सव मंदिर ,मस्जिद ,
घर में हर त्योहार कोरोना ||
लॉकडाउन का फंद कोरोना ,
अक्ल हो रही मंद कोरोना |
सुख में भी बेचैन घरों में ,
वाहन सब ही बंद कोरोना ||
चहुँ हुआ सुनसान कोरोना ,
सब के सब हैरान कोरोना |
हुए घरों में कैद सभी ही ,
लघु बड़े इंसान कोरोना ||
अलर्ट प्रशासन हुआ कोरोना ,
नित संक्रमण -हुआ कोरोना |
देवदूत सब व्यस्त चिकित्सक,
अपने घर कल्याण कोरोना ||
कर्फ्यू सा आगाज कोरोना ,
कलेक्टर सरताज कोरोना |
पग-पग जाल पुलिस का फैला ,
घर में रहो विराज ,-कोरोना ||
सोचो समझो कहर कोरोना ,
सूक्षम घातक जहर कोरोना|
विषम कीटाणु व्याप्त चहुँ ही ,
हवा में हर पहर कोरोना ||
-०-
पता
रामगोपाल राही
लाखेरी
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लाखेरी
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