*** हिंदी प्रचार-प्रसार एवं सभी रचनाकर्मियों को समर्पित 'सृजन महोत्सव' चिट्ठे पर आप सभी हिंदी प्रेमियों का हार्दिक-हार्दिक स्वागत !!! संपादक:राजकुमार जैन'राजन'- 9828219919 और मच्छिंद्र भिसे- 9730491952 ***

Monday, 14 September 2020

राष्ट्रभाषा बने एक दिन (कविता) - अख्तर अली शाह 'अनन्त'


राष्ट्रभाषा बने एक दिन
(गीत)\
सारीजनता भारत की जब,
इसको गले  लगाएगी।
विश्वगगन   में  हिंदी   ऊँचा.
तब परचम लहराएंगी।।
*****
हिंदी    के   पहरेदारों    से,
मेरी सतत यही आशा।
राष्ट्रभाषा   बने   एक  दिन,
हिंदी ये है अभिलाषा।।
हिंदी में  साहित्य सृजन ही,
नई भोर  को लाएगी।
विश्व गगन  में  हिंदी  ऊँचा,
तब परचम लहराएंगी
******
हिंदी को मां समझने वालों,
हिंदी में  व्यवहार करो।
लिखना पढ़ना हिंदी  में  हो,
मत इससे इनकार करो।।
गौरवमयी   राष्ट्रभाषा    की,
पदवी जब मिल जाएगी।
विश्वगगन  में   हिंदी   ऊँचा,
तब परचम लहराएगी।।
******
तमिल तेलुगू मलयालम  हो,
भले मराठी गुजराती।
सब  हिंदी  की  छोटी  बहनें,
कोई नहीं खुराफाती।।
बड़ीबहन का साथ दिया तो,
शिखर नए छूपाएगी।
विश्व गगन   में  हिंदी  ऊँचा,
तब परचम लहराएगी।।
******
चाहे  जितनी  भाषा   सीखें,
हिंदी का सम्मान करें।
ममता   सदा  मातृभाषा  ही,
दे सकती है ध्यान करें।।
"अनंत"गर जनजन तकहिंदी,
पहुंची तो रंग लाएगी लाएगी।
विश्वगगन   में   हिंदी   ऊँचा,
तब परचम लहराएगी।।
-0-
अख्तर अली शाह 'अनन्त'
नीमच (मध्यप्रदेश)
-०-

***
मुख्यपृष्ठ पर जाने के लिए चित्र पर क्लिक करें 

No comments:

Post a Comment

सृजन रचानाएँ

गद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०

गद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०
हार्दिक बधाई !!!

पद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०

पद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०
हार्दिक बधाई !!!

सृजन महोत्सव के संपादक सम्मानित

सृजन महोत्सव के संपादक सम्मानित
हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ