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Wednesday, 1 January 2020

नववर्ष का मनुहार (कविता) - दीपिका कटरे


नववर्ष का मनुहार
(कविता)
नए साल में मैया
खुशियों का खोल दरबार,
होके शेर पर सवार,
आ जाओ देने प्यारा संसार
स्वीकार हो नमन हमारा
नववर्षारंभ में करते है मनुहार
मैया तुम्हें आना होगा
करना होगा कमाल,
बेटियों की लाज बचाना
बिना किए कोई बहाना
लाना बेटियों के चेहरे बहार
स्वीकार हो नमन हमारा
नववर्षारंभ में करते है मनुहार

मन में जब भी उठे सवाल,
जीवन में घटे न कोई बवाल
जीवन हो मिठास
और बुनना उम्मीदों के जाल
जीवन हो सरल सबका मिले प्यार
स्वीकार हो नमन हमारा
नववर्षारंभ में करते है मनुहार
   
घर परिवार
और मित्रों की बहार,
गम करना खाली
खुशियों से हो मालामाल
जीवन में न हो किसीके दुखों की कतार 
स्वीकार हो नमन हमारा
नववर्षारंभ में करते है मनुहार

बीती बात का बुलाना ख्याल,
वर्तमान के गढ़ना नए-नए ताल,
भविष्य की चिंता न हो मन में
ऐसा लाना पल-पल काल
हर पल मनाए त्यौहार ही त्यौहार 
स्वीकार हो नमन हमारा
नववर्षारंभ में करते है मनुहार
-०-
पता:
दीपिका कटरे 
पुणे (महाराष्ट्र)

-०-

***
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3 comments:

  1. Bahut achchhi kavita hai main padhkar bahut khush hu

    ReplyDelete
  2. बहुत बढ़िया कविता हैं। mam आप ऐसी ही कविता बनाते रहीये।। nice पोएम

    ReplyDelete

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