*** हिंदी प्रचार-प्रसार एवं सभी रचनाकर्मियों को समर्पित 'सृजन महोत्सव' चिट्ठे पर आप सभी हिंदी प्रेमियों का हार्दिक-हार्दिक स्वागत !!! संपादक:राजकुमार जैन'राजन'- 9828219919 और मच्छिंद्र भिसे- 9730491952 ***

Wednesday, 1 January 2020

नया साल (कविता) - अख्तर अली शाह 'अनन्त'


नया साल
(कविता)
नए साल का नया सूर्य यूं किरणें नहीं बिखेरे ।
गम के अंधियारें मिट जाएं खुशियां डालें ड़ेरे ।।
सुख सागर में जीवन नौका बढ़े निरंतर आगे ।
गुल्शन गुल्शन फूल खिले गुल रहे न कोई अभागे।।
समृद्धि की अमर बेल फिर जीवन पे छा जाए ।
फिर अभाव की असि न कोई जख्म कभी दे पाए।।
******
नूतन स्वर सुख के फूटे कानों में अमृत घोले ।
जीवन कानन में अवसर के मोर पपीहे बोले ।।
प्यार मिले सागर से गहरा मीत मिले सुखदायी।
दूर रहे तन मन से दर्दों की काली परछाई ।।
इतनी मिले संपदा निशदिन घर छोटा पड़ जाए।
पाँव उठाने से पहले मंजिल चलकर खुद आए ।।
*******
नवगति नवलय अवचेतन मन को कर दें स्पंदित ।
मन वीणा की मधुर रागिनी तन कर दे आल्हादित।।
आराधन करते करते आराध्य बने आराधक ।
फर्क मिटे दोनों में दाता कौन ,कौन हैं याचक ।।
पीकर अमर प्रेम की हाला देह अमर हो जाए ।
जीवन मरण चक्र से जीवन ऊपर हो मुस्काए ।।-0-
अख्तर अली शाह 'अनन्त'
नीमच (मध्यप्रदेश)
-०-

***
मुख्यपृष्ठ पर जाने के लिए चित्र पर क्लिक करें 

No comments:

Post a Comment

सृजन रचानाएँ

गद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०

गद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०
हार्दिक बधाई !!!

पद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०

पद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०
हार्दिक बधाई !!!

सृजन महोत्सव के संपादक सम्मानित

सृजन महोत्सव के संपादक सम्मानित
हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ