माँ तुम मेरी मुरत हो
(कहानी)
माँ तुम मेरी मुरत हो
हम बच्चों की तुम जरूरत हो
मिल जाए चाहे कितने ही यार
अनमोल है माँ तेरा प्यार
माँ मेने एक कविता लिखी है
मेरा आँगन आज बहुत ही सूना है
नदिया से बड़ा समंदर ही है
तेरी छवि माँ मेरे दिलमे ही है
माँ मेने मीठा प्यार तेरा पाया है
आज तेरा ढूढ रहा हूँ छाया
माँ तुम मेरे स्वप्न में आई है
ढेर सारे खिलौने तुम लायी है
तुमने मुझे हलवा बहूत खिलाया है
अच्छी स्कूल में दाखिला दिलाया है
माँ तुम हो प्यार की नदिया
साक्षी है ये सारी दुनिया
तेरा साथ था कितना प्यारा
कम लगता ही जीवन सारा
माँ तुम्हें आना होगा दुबारा
तेरा साथ हे कितना प्यारा.
नैया जीवन की पार ही है करना
प्रभु गुलाब चंद की माँ मत मरना
-०-
हम बच्चों की तुम जरूरत हो
मिल जाए चाहे कितने ही यार
अनमोल है माँ तेरा प्यार
माँ मेने एक कविता लिखी है
मेरा आँगन आज बहुत ही सूना है
नदिया से बड़ा समंदर ही है
तेरी छवि माँ मेरे दिलमे ही है
माँ मेने मीठा प्यार तेरा पाया है
आज तेरा ढूढ रहा हूँ छाया
माँ तुम मेरे स्वप्न में आई है
ढेर सारे खिलौने तुम लायी है
तुमने मुझे हलवा बहूत खिलाया है
अच्छी स्कूल में दाखिला दिलाया है
माँ तुम हो प्यार की नदिया
साक्षी है ये सारी दुनिया
तेरा साथ था कितना प्यारा
कम लगता ही जीवन सारा
माँ तुम्हें आना होगा दुबारा
तेरा साथ हे कितना प्यारा.
नैया जीवन की पार ही है करना
प्रभु गुलाब चंद की माँ मत मरना
-०-