यादों में बस जाएगा
(कविता)
इस तन पर क्यूँ! इतराता है,
जो मिट्टी में मिल जाएगा।
कुछ ऐसे सद्कर्म करें हम,
जो यादों में रह आएगा।।
जीवन में जो अर्जित संपत्ति,
सब धरा यहीं रह जायेगा।
जो बोले सबसे मीठे बोल,
बस! यादों में बस जाएगा।।
अपनों पर सदैव विश्वास करें,
प्रगति पथ बनता जाएगा।
सत्य का सदा अनुसरण करें,
जीवन में निखार आएगा।।
मात पिता की सेवा कर लें,
सारा दुःख मिट जाएगा।
अच्छे संस्कार बच्चों को दें,
उनका जीवन बन जाएगा।।
माँ के चरणों में विराजे जन्नत,
पिता ने हमको योग्य बनाया।
भाई को प्यार दें लक्ष्मण जैसा,
घर मंदिर जैसा बन जाएगा।।
पत्नी जीवन भर साथ निभाए,
मुझसे उसको न दुःख पहुँचे।
मन से उसका सम्मान करें,
जीवन सुखमय हो जाएगा।।
मेरे जीवन में जो सच्चा मित्र,
वह सुख दुःख साथ निभाएगा।
हम भटक रहे फ़र्ज से अपने,
वह सत्पथ को दिखलाएगा।
सुंदर सा जीवन हमें मिला,
मुझसे न किसी को दुःख पहुँचे।
वर्षों तलक मुझे याद रखें,
जो मुझको अमर कर जाएगा।।
जो मिट्टी में मिल जाएगा।
कुछ ऐसे सद्कर्म करें हम,
जो यादों में रह आएगा।।
जीवन में जो अर्जित संपत्ति,
सब धरा यहीं रह जायेगा।
जो बोले सबसे मीठे बोल,
बस! यादों में बस जाएगा।।
अपनों पर सदैव विश्वास करें,
प्रगति पथ बनता जाएगा।
सत्य का सदा अनुसरण करें,
जीवन में निखार आएगा।।
मात पिता की सेवा कर लें,
सारा दुःख मिट जाएगा।
अच्छे संस्कार बच्चों को दें,
उनका जीवन बन जाएगा।।
माँ के चरणों में विराजे जन्नत,
पिता ने हमको योग्य बनाया।
भाई को प्यार दें लक्ष्मण जैसा,
घर मंदिर जैसा बन जाएगा।।
पत्नी जीवन भर साथ निभाए,
मुझसे उसको न दुःख पहुँचे।
मन से उसका सम्मान करें,
जीवन सुखमय हो जाएगा।।
मेरे जीवन में जो सच्चा मित्र,
वह सुख दुःख साथ निभाएगा।
हम भटक रहे फ़र्ज से अपने,
वह सत्पथ को दिखलाएगा।
सुंदर सा जीवन हमें मिला,
मुझसे न किसी को दुःख पहुँचे।
वर्षों तलक मुझे याद रखें,
जो मुझको अमर कर जाएगा।।
-०-
लाल देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव
-०-