*** हिंदी प्रचार-प्रसार एवं सभी रचनाकर्मियों को समर्पित 'सृजन महोत्सव' चिट्ठे पर आप सभी हिंदी प्रेमियों का हार्दिक-हार्दिक स्वागत !!! संपादक:राजकुमार जैन'राजन'- 9828219919 और मच्छिंद्र भिसे- 9730491952 ***

Thursday, 1 July 2021

वर्षा गीत (गीत) - शाहाना परवीन

 

वर्षा गीत

(गीत)

घुमड़- घुमड़ कर बदरा आये,
मेरे घर- आँगन में छाए।
मेरी अंखियन तक- तक जाए।
तुम कब आओगे सजनवा?

अब तो आ जाओ सजना,
बागों में पड़ गए झूले।
अँबुआ की डाल पर कोयल,
मतवाली होकर बोले।

मेरी अंखियन तक- तक जाए।
तुम कब आओगे सजनवा?

सखियन से करूँ ना मै बात,
लागे ना मोरा जिया सजना आए याद।
बदरा भी अब तो घिर आए,
पवन मंद- मंद मुसकाएं।

मेरी अंखियन तक- तक जाए।
तुम कब आओगे सजनवा?
-0-
पता -
शाहाना परवीन
मुज़फ्फरनगर (उत्तर प्रदेश)
-०-


***
मुख्यपृष्ठ पर जाने के लिए चित्र पर क्लिक करें 

 

सृजन रचानाएँ

गद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०

गद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०
हार्दिक बधाई !!!

पद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०

पद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०
हार्दिक बधाई !!!

सृजन महोत्सव के संपादक सम्मानित

सृजन महोत्सव के संपादक सम्मानित
हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ