वर्षा गीत
(गीत)
घुमड़- घुमड़ कर बदरा आये,
मेरे घर- आँगन में छाए।
मेरी अंखियन तक- तक जाए।
तुम कब आओगे सजनवा?
अब तो आ जाओ सजना,
बागों में पड़ गए झूले।
अँबुआ की डाल पर कोयल,
मतवाली होकर बोले।
मेरी अंखियन तक- तक जाए।
तुम कब आओगे सजनवा?
सखियन से करूँ ना मै बात,
लागे ना मोरा जिया सजना आए याद।
बदरा भी अब तो घिर आए,
पवन मंद- मंद मुसकाएं।
मेरी अंखियन तक- तक जाए।
तुम कब आओगे सजनवा?
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शाहाना परवीन
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