★ सब कुछ ठीक हो जाएगा★
(कविता)
हाथो पर थोड़ा साबुन और पानी,
मुँह पर कपड़े की रखवाली,
वरदान ज़िंदगी का दे जाएगा,
तुम निश्चिंत रहो, तुम सतर्क रहो,
सब कुछ ठीक हो जाएगा।।
अकेलेपन को गले लगा लेना,
अपनों से दूरी बना लेना,
हाथ मिलाना नही किसी से,
बस खुद को गले लगा लेना,
फिर तुम्हे ना वो छू पाएगा ,
तुम निश्चिंत रहो, तुम सतर्क रहो,
सब कुछ ठीक हो जाएगा।।
कुछ समय की बात है बस,
सफर दुनिया का टाल देना,
फिर भी जरूरी लगता है कुछ,
अपने अंदर ही झांक लेना,
रास्ता मंजिल का मिल ही जाएगा,
तुम निश्चिंत रहो, तुम सतर्क रहो,
सब कुछ ठीक हो जाएगा।।
इम्तिहाँ है ये हम इंसानो की,
इंसानियत थोड़ी दिखा देना,
पका रहे हो पकवान घरो में,
दो रोटी ज्यादा पका लेना,
गर लगा रहा कोई गुहार मदद की,
दुआए उसकी पा लेना,
इतना भी ना कर सको तो ,
कर्तव्य इतना निभा देना,
ढाल बन कर बचा रहे जो,
दिल पर रखकर हाथो को अपने,
बस बात उनकी मान लेना,
फीकी पड़ी ये दुनिया में रंग फिर से भर जाएगा,
तुम निश्चिंत रहो, तुम सतर्क रहो,
सब कुछ ठीक हो जाएगा।।
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