शान यै हिंदी
(कविता)
उठो बन्धुओं सो न जागोबढ़ाओ भाषा शान भी
हिंदी खातिर सब जुट जाओ
है ये पूजा,प्राण भी
हिंदी भाषी,हिंदी प्रेमी
हिंदी कामतवाला है ।
हिंदी को समृद्ध है करने
इसमें प्रण कर डाला है।
राष्ट्रभाषा बनाएं इसको,
लक्ष्य है अपना काम भी
हिंदी खातिर सब,,
हिंदी की सेवा की खातिर ही
अभियान चलाना है।
हिंदी को हम हीन न समझें
घर-घर अलख जगाना है।
हिंदी में ही बात करें हम,
बातें हिंदुस्तान की।
हिंदी खातिर,
हिंदी हैं हम,वतन हिन्दुस्ता
इसके गुण ही गाएंगे
भारतीयों सभी देखो अब
इस मैदान में आएंगे
वतन है अपना जब हिन्दुस्ता
ठान ली है हमने सेवा
हिंदी हिंदुस्तान की।
हिंदी खातिर,,
-०-
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