आओ नववर्ष की तैयारी करें
(कविता)
गुदगुदाती सुबह कर रही है इंतजार हमाराआओ नववर्ष की तैयारी करें ।।
करें संकल्प न कोई भूखा रहे
भारतवर्ष में ।।
करें संकल्प न कोई जिंदा जले
नूतन वर्ष में ।।
पिता के कांधे का बोझ थोड़ा कम करें
आओ नववर्ष की तैयारी करें।।
करे संकल्प लड़कियों को खुला आसमान देने का
जिसमें वे डर के साए से बाहर निकल सकें।।
करें संकल्प जनहित का
न कर सके हनन कोई जन संपदा का
मिलकर नव राष्ट्र का निर्माण करें ।।
करें संकल्प सबका साथ, सबका विकास का
करें संकल्प स्वयं को ज्योति बनाने का,
जिससे दूसरों के जीवन को उजागर करें,
आओ नववर्ष की तैयारी करें।।
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