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Thursday, 12 March 2020

••तुम चांद से जुदा हो•• (कविता) - अनवर हुसैन

••तुम चांद से जुदा हो••
(कविता)
तुम ही दौलत तुम ही शोहरत
तुम ही मेरी , ऐशो - इशरत
तुम ही इबादत तुम ही चाहत
तुम लबों की दुआ हो
तुम चांद से जुदा हो
तुम चांद से जुदा हो .....

उगता सूरज महकता गुलशन
तुझ पर वारु तन - मन - धन
तुम ही दिल , तुम ही धड़कन
तुम मेरे हमनवा हो
तुम चांद से जुदा हो
तुम चांद से जुदा हो ......

तुम से जीवन तुम से सरगम
सदाबहार हो पतझड़ मौसम
तुम ही खुशी हो तुम्ही सनम
तुम दिल की दवा हो
तुम चांद से जुदा हो
तुम चांद से जुदा हो......

मखमली हंसी रेशम- सा बदन
इश्क में उड़ती तुम कटी पतंग
तुम ही जुनून हो तुम ही उमंग
तुम दिल की सदा हो
तुम चांद से जुदा हो
तुम चांद से जुदा हो......
-०-
पता :- 
अनवर हुसैन 
अजमेर (राजस्थान)

***
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