आह्वान
(कविता)सुनो,मेरी हमवतन कोशिकाओं
आओ,अपनी जिम्मेदारी निभाओ
हम हिदायतों में करें ना लापरवाही
हम आने ना दें कोई भयावह तबाही
फीका पड़ गया दुनिया का रंग
चीन अमेरिका तक हुए हैंअपं थेग
महकी फिजाएं हो न जाए बदरंग
हम कदम मिलाएं सरकार के संग
हम एकजुट हो करें कोरोना से जंग
दुनिया सारी की सारी रह जाए दंग
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