अफ़सोस
(लघुकथा)
शर्मा भाभी के यहां महिला संगीत में जब से शोभा ने माधवी की सहजता-सरलता देखी बहुत प्रभावित हुई है। उसे अपने किए पर अफसोस हो रहा है। दरअसल शोभा ने अपने इंजीनियर बेटे के लिए कुछ महीने पहले आए खूब पढ़ी-लिखी माधवी के रिश्ते को फीके रंग की वजह से तवज्जो नहीं दी थी। वह पास बैठी माधवी की बुआ से आज फिर रिश्ते की चर्चा निकालती है। बुआ हंस कर कहती है अरे इसकी सगाई तो पिछले महीने ही हो गई। अच्छे खानदान का योग्य लड़का मिला है। अगले महीने शादी है आपको जरूर आना है।
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