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Friday, 7 August 2020

साजन एक बार आ जाओ (गीत) - श्रीमती सुशीला शर्मा

साजन एक बार आ जाओ
(गीत)
साजन एक बार आ जाओ
भेज संदेसा इस बिरहन को
तुम विश्वास दिलाओ
साजन एक बार आ जाओ

जेठ गया  ,आषाढ बीत गया
ना ही ली नी खबरिया
अब सावन के झूले पड़ गए
तरस गई है नजरिया ।

साजन एक बार आ जाओ
भेज संदेसा इस बिरहन को
तुम विश्वास दिलाओ
साजन एक बार आ जाओ

तुम बिन सूनी मोरी अटरिया
सावन  मोहे सतावे
ठंडी-ठंडी पुरवाई में
जिया मोरा घबरावे

साजन एक बार आ जाओ

बरखा की ये छमछम बूँदे
अंग-अंग सिहराए
बिजली चमके बादल में
पिव का संदेसा लाए

साजन एक बार आ जाओ
भेज संदेसा इस बिरहन को
तुम विश्वास दिलाओ
साजन एक बार आ जाओ

राह बिछाए नैना तरसे
अब तो दरस दिखाओ
विरह वृथा को दूर करो अब
आलिंगन कर जाओ

साजन एक बार आ जाओ
भेज संदेसा इस बिरहन को
तुम विश्वास दिलाओ
साजन एक बार आ जाओ।
-०-
पता:
श्रीमती सुशीला शर्मा 
जयपुर (राजस्थान) 
-०-

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