सब के हक़
(ग़ज़ल)
सब के हक़ में ही अच्छा भला कीजिएपाठ इंसानियत का पढ़ा कीजिए।
सिर्फ़ अपनी ही हाँके नहीं हर घड़ी
बात कमज़ोर की भी सुना कीजिए।
ऐरे ग़ैरो की माने न बीमारी में
डॉक्टर से ही बस मशवरा कीजिए।
वक़्त का यह तकाज़ा है बस आजकल
घर के बाहर न घूमा फिरा कीजिए।
बैठें टोली बनाकर न द्वारे कहीं
दोस्तों को भी चाहें खफ़ा कीजिए।
मिल सके पेट भर सबको भोजन यहाँ
आप राशन न इतना भरा कीजिए।
'राज' जो भी ज़रूरत के मारे दिखें
उनकी भी कुछ मदद अब किया कीजिए।
पता--
राज बाला 'राज'
हिसार(हरियाणा)
हिसार(हरियाणा)
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