भूल कर.….
(गीत)
भूल कर भी सपनों में आना न कभी ।
प्यार के फरेब में बहलाना न कभी ...
बेवफा तेरी बेवफाई का वो मन्ज़र याद है
प्यार की जूठी कस्मे खुलाना न कभी ।।
भूल कर ...............................!
जिंदगी में फूलों सी महक रही है सदा ।
राह के काँटों से भी तोड़ा है ना दोस्ताना कभी ...
तमन्ना सदा रही है , खुशियों की सौगात दूँ
दिल में लगा के आग, नयनों से रिझाना ना कभी ।।
भूल कर............................!
सब कुछ लूटा कर भी, कभी गमगीन ना हुआ ।
परछाई बन कर भी कभी , मेरे करीब आना ना कभी .......
मेरा गम तेरी ख़ुशी , ये तो कुदरत की बात है
सजधज कर अब ना मुझे , पग्लाना ना कभी ।।
भूल कर ........................!
तेरा तन - बदन मौजें ले रहा , यौवन में लड़खड़ाना ना कभी ।
दर्द दिया है जो तुमने , दवा बन मेरे करीब आना ना कभी .......
दर्द -ए- दिल का ईलाज, अब तो होना है ना मुमकिन ।
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