माँ की गुहार
(हाइकु)
डॉ निशा महाराणा
बिटिया आओ
निर्निमेष पलकें
राह निहारे..
उलझी निंद्रा
जीवन का क्रंदन
किसे बताऊँ....
मौन वेदना
हाहाकार करता
ममता रोती....
सीख माँ की
भूलना नहीं कभी
खुद है बचना ...
ममता रोती
प्राण है सिसकता
बिटिया आओ..
मेरी जान है
तुम्हारे ही हवाले
उसे बचाना ....
किसने देखा
माँ के रिसते ज़ख्म
बेचैन मन ....
सोन चिरैया
सिसक रहा आँचल
लौट के आना ....
मेरी जान
तुझमें है बसती
भूल ना जाना ..
झूठी दुनिया
साथ नहीं है कोई
बिलखती माँ ...
खुद की रक्षा
है तुमको करना
हाथ जोड़ती .....
-०-
बिटिया आओ
निर्निमेष पलकें
राह निहारे..
उलझी निंद्रा
जीवन का क्रंदन
किसे बताऊँ....
मौन वेदना
हाहाकार करता
ममता रोती....
सीख माँ की
भूलना नहीं कभी
खुद है बचना ...
ममता रोती
प्राण है सिसकता
बिटिया आओ..
मेरी जान है
तुम्हारे ही हवाले
उसे बचाना ....
किसने देखा
माँ के रिसते ज़ख्म
बेचैन मन ....
सोन चिरैया
सिसक रहा आँचल
लौट के आना ....
मेरी जान
तुझमें है बसती
भूल ना जाना ..
झूठी दुनिया
साथ नहीं है कोई
बिलखती माँ ...
खुद की रक्षा
है तुमको करना
हाथ जोड़ती .....
-०-
पता:
डॉ. निशा महाराणा
मन्दसौर (मध्यप्रदेश)
मन्दसौर (मध्यप्रदेश)
-०-
Bht achha likha hai mummy! 😊
ReplyDelete☺️☺️
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteBehisab dard ke hawale se ek Sach 🙏 yakinan aapki abhiwaykti ek chintit Maa ke swaroop Ka darshan Karwa Rahi hai 👏
ReplyDeleteधन्यवाद ..😢
DeleteSuper ma'am 👏
ReplyDeleteThanks
DeleteSuper
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