वसंत
(कविता)
पहाडों के पीछे से निकलता
वह चमकता हुआ सूर्य
कितना सुंदर लगता
यह मनमोहक दृश्य
उसकी मध्यम सी रोशनी
फूलों को सहलाती
फूलों की महक
खेतों की हरियाली
जीवन को खुशनुमा बनाती
अचानक से काले बादलों का
नीले आसमान में छा जाना
फिर हल्की सी बारिश बरसा देना
ऐसा लगता है मानो वसंत,
जीवन की सभी उदासीनता को
दूर भगाता और अपनी
उस हल्की सी बारिश से
जीवन को जीवन्त करता
साथ ही साथ मन को
नई उमंगों से तरोताजा करता
वसंत ऋतु।
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पता:
डॉ. कृष्णा सिंह 'किरण'सिलचर काछाड (असम)
-०-
बेहद खूबसूरत रचना
ReplyDeleteबधाई
पूर्वोत्तर में हिंदी के उन्नयन, सृजन के आपके प्रयास के लिए बधाई
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