*** हिंदी प्रचार-प्रसार एवं सभी रचनाकर्मियों को समर्पित 'सृजन महोत्सव' चिट्ठे पर आप सभी हिंदी प्रेमियों का हार्दिक-हार्दिक स्वागत !!! संपादक:राजकुमार जैन'राजन'- 9828219919 और मच्छिंद्र भिसे- 9730491952 ***

Monday 2 December 2019

अजनबी चहरे (कविता) - नेहा शर्मा


अजनबी चहरे
(कविता)
फुटपाथ पर बैठे
वे अजनबी चेहरें
लाचार और बेबस
नजर आते हैं
नन्ही आंखों के सपने
दूर कहीं खो जाते हैं
आशान्वित निगाहों से
हर राहगीर को वे ताकते हैं
पेट की भूख के लिए
बार-बार हाथ फैलाते हैं
गर्म लू के थपेड़ों से
नन्हा बचपन झुलस जाता है
नंगे पैरों के पदचिन्हों से
खिलता पुष्प सिमट जाता है
कुछ पैसों व रुपयों के लिए
घंटोंतक वे
लोगों के सामने गिड़गिड़ाते हैं
लेकिन दुराचार व कटु वचनों से
हरबार
अपमानित वे हो जाते हैं।।-०-
नेहा शर्मा ©®
अलवर (राजस्थान)


-०-


***
मुख्यपृष्ठ पर जाने के लिए चित्र पर क्लिक करें 

1 comment:

सृजन रचानाएँ

गद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०

गद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०
हार्दिक बधाई !!!

पद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०

पद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०
हार्दिक बधाई !!!

सृजन महोत्सव के संपादक सम्मानित

सृजन महोत्सव के संपादक सम्मानित
हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ