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Tuesday, 28 January 2020

कल का सच (लघुकथा) - अपर्णा गुप्ता

कल का सच
(लघुकथा)
मम्मी मै जा रही हूँ आपकी दवा लेती आऊँगी ,आप आज की खुराक ले लीजियेगा वही पर रखी है....।
मिन्नी ने बैग टांगते हुए कहा
और बाहर जाने लगी
"अरे बेटा मै ले लूँगी तुम अपना ध्यान रखना ।
स्कूटी धीरे चलाना..........
और हाँ बैंक होते हुए आंफिस जाना,
पिंकू की फीस जमा होगी आज..."......
"ओके मम्मा लव यू .......बाय बाय."....कहकर बाहर निकल गई.......
बाहर आकर स्कूटी स्टार्ट ही की थी कि पीछे से सासूमां हाथ में स्प्रे लेकर आई ............."अरे ये तेरा मिर्ची स्प्रे तो रह ही गया इसे तो बैग से बाहर निकाला ही मत कर बहु."......।
-०-
पता
अपर्णा गुप्ता
लखनऊ (उत्तर प्रदेश)

-०-

***
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