आँसू
(कविता)
आँखें न देखते हैं ,आँसू
आँखों से गिरते हैं आँसू ।
रातों भर आँखों में रह रह कर,
दो आँखों भीगते हैं आँसू ।
अतीत से आती हैं आँसू,
अतीत को जाती हैं आँसू ।
जब इच्छायें टूट गए तो,
तब गुप्त रूप में हैं आँसू ।।
जन्म से शुरू हुई आँसू ,
देखा या न देखा,हैं आँसू।
जाति भेद न जानते हैं,
अनंत , गर्मी आँसू ।।
स्वप्नों की तरह ही हैं आँसू,
कितनी हैं,नहीं आँसू ।
मुस्कुराहटें के पीछे हैं,
कोई भी ना देखा हैं वो आँसू ।।।
-०-
(कविता)
आँखें न देखते हैं ,आँसू
आँखों से गिरते हैं आँसू ।
रातों भर आँखों में रह रह कर,
दो आँखों भीगते हैं आँसू ।
अतीत से आती हैं आँसू,
अतीत को जाती हैं आँसू ।
जब इच्छायें टूट गए तो,
तब गुप्त रूप में हैं आँसू ।।
जन्म से शुरू हुई आँसू ,
देखा या न देखा,हैं आँसू।
जाति भेद न जानते हैं,
अनंत , गर्मी आँसू ।।
स्वप्नों की तरह ही हैं आँसू,
कितनी हैं,नहीं आँसू ।
मुस्कुराहटें के पीछे हैं,
कोई भी ना देखा हैं वो आँसू ।।।
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बहुत सुंदर कृति mam
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