भूख
(कविता)
खाली पेट
क्षीण पड़ता शरीर
मजदूरों की सांसे
बिलखते बच्चे
रोती हुई आँखे
मन की आशाएँ
रोजगार तलाशती
जीवन जिज्ञासा
जगी उम्मीद
नव चेतना
ये रवानी
ये जवानी
वीरता का जोश
सबके होश
आक्रोश की आंधी
सच्च के साक्षी
बोलती जुबान
नया संकल्प
मेहनत का विकल्प
उड़ते पंछी
जग के जीव
नर और नारी
दुनिया सारी
सुनहरे सपने
पराये व अपने
कोई ना मरे
भूख से
करता हूँ मैं ये आराधना
सुनलो भगवन मेरी प्रार्थना
जोधपुर (राजस्थान)
क्षीण पड़ता शरीर
मजदूरों की सांसे
बिलखते बच्चे
रोती हुई आँखे
मन की आशाएँ
रोजगार तलाशती
जीवन जिज्ञासा
जगी उम्मीद
नव चेतना
ये रवानी
ये जवानी
वीरता का जोश
सबके होश
आक्रोश की आंधी
सच्च के साक्षी
बोलती जुबान
नया संकल्प
मेहनत का विकल्प
उड़ते पंछी
जग के जीव
नर और नारी
दुनिया सारी
सुनहरे सपने
पराये व अपने
कोई ना मरे
भूख से
करता हूँ मैं ये आराधना
सुनलो भगवन मेरी प्रार्थना
-०-
पता
छगनराज रावपता
जोधपुर (राजस्थान)
-०-
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