*** हिंदी प्रचार-प्रसार एवं सभी रचनाकर्मियों को समर्पित 'सृजन महोत्सव' चिट्ठे पर आप सभी हिंदी प्रेमियों का हार्दिक-हार्दिक स्वागत !!! संपादक:राजकुमार जैन'राजन'- 9828219919 और मच्छिंद्र भिसे- 9730491952 ***

Saturday, 22 February 2020

पछुआ हवाएं (कविता) - मीरा सिंह 'मीरा'

पछुआ हवाएं
(कविता)
बलखाती इठलाती
जुल्फें बिखराए
दौड़ती जा रही
पछुआ हवाएं
पूछे तो कोई
इन्हें क्या हुआ है
खौफ से क्यों
मन सिहरा है
चीखती चिल्लाती
बाहें फैलाए
दौड़ती जा रही
पछुआ हवाएं
थम तो जरा
अरी ओ बावरी
कुछ तो बता
कहां जा रही
सायं सायं करती
नागिन सी
फुंफकारती
दौड़ती जा रही
पछुआ हवाएं
शोर है कैसा
समझ नहीं आए
घिर घिर आई
काली घटाएं
कहना क्या चाहे
पछुआ हवाएं
कोई तो बताए
कोई समझाए ।
-०-पता: 
मीरा सिंह 'मीरा'


बक्सर (बिहार)


***
मुख्यपृष्ठ पर जाने के लिए चित्र पर क्लिक करें 

1 comment:

सृजन रचानाएँ

गद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०

गद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०
हार्दिक बधाई !!!

पद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०

पद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०
हार्दिक बधाई !!!

सृजन महोत्सव के संपादक सम्मानित

सृजन महोत्सव के संपादक सम्मानित
हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ