
मनहरण
(घनाक्षरी छंद)
******
लो गुलाल से रंगेंगे ,गालों को तुम्हारे हम,
होली आई है तो खाली,जाने कैसे पाओगे।
मेंहदी के चूर्ण से ये, किया जो तैयार आज ,
हरे रंग से बदन ,को कैसे बचाओगे ।।
पीला रंग हल्दी और,बेसन मिलाके बना,
अपनी त्वचा को आज,तुम चमकाओगे।
अनार के दानों से जो,बनाया है रंग लाल,
भीग गए तो "अनंत, सबको रिझाओगे ।।
*****
लाल गुडहल के ये, फूलों ने तैयार किया,
लाल रंग भाल पे ये ,आज लग जाने दो ।
और फूल गेंदा से जो,पीला रंग बनाया है,
गालों पर बैठ इसे, गीत कोई गाने दो ।।
तुलसी की और गुलमोहर की पत्तियों से,
हरा रंग निकला जो शीश को सजाने दो ।
आ गए "अनंत"यदि,काया न बेरंग रखो,
यार बनाया है मुझे यारी को निभाने दो ।।
*****
बनता है काला रंग,लेडआक्साइड वाला,
करता डेमेज गुर्दे, कभी ना लगाईये ।
कॉपर सल्फेट से जो, हरा रंग बनता है,
बनाता है अंधा कभी, पास मत जाईये।
मर्करी सल्फेट से जो,रंग लाल निकला है,
कैंसर त्वचा का करें ,खुद को बचाईये ।।
रंग रूपहला एल्यूमिनियम ब्रोसाइट ,
बनाता "अनंत" इसे, टाटा कर आईये ।।-0-
अख्तर अली शाह 'अनन्त'
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लो गुलाल से रंगेंगे ,गालों को तुम्हारे हम,
होली आई है तो खाली,जाने कैसे पाओगे।
मेंहदी के चूर्ण से ये, किया जो तैयार आज ,
हरे रंग से बदन ,को कैसे बचाओगे ।।
पीला रंग हल्दी और,बेसन मिलाके बना,
अपनी त्वचा को आज,तुम चमकाओगे।
अनार के दानों से जो,बनाया है रंग लाल,
भीग गए तो "अनंत, सबको रिझाओगे ।।
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लाल गुडहल के ये, फूलों ने तैयार किया,
लाल रंग भाल पे ये ,आज लग जाने दो ।
और फूल गेंदा से जो,पीला रंग बनाया है,
गालों पर बैठ इसे, गीत कोई गाने दो ।।
तुलसी की और गुलमोहर की पत्तियों से,
हरा रंग निकला जो शीश को सजाने दो ।
आ गए "अनंत"यदि,काया न बेरंग रखो,
यार बनाया है मुझे यारी को निभाने दो ।।
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बनता है काला रंग,लेडआक्साइड वाला,
करता डेमेज गुर्दे, कभी ना लगाईये ।
कॉपर सल्फेट से जो, हरा रंग बनता है,
बनाता है अंधा कभी, पास मत जाईये।
मर्करी सल्फेट से जो,रंग लाल निकला है,
कैंसर त्वचा का करें ,खुद को बचाईये ।।
रंग रूपहला एल्यूमिनियम ब्रोसाइट ,
बनाता "अनंत" इसे, टाटा कर आईये ।।-0-
अख्तर अली शाह 'अनन्त'
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