कब जीवन की शाम आ जाये
(कविता)
न जाने कब जीवन की
आखरी शाम आ जाये।
वह अंतिम दिन बुलावा
जाने का पैगाम आ जाये।।
सबसे बना कर रखें हम
दिल की नेक नियत से।
जाने किसी की दुआ कब
जिंदगी के काम आ जाये।।
न जाने कब जीवन की
आखरी शाम आ जाये।
वह अंतिम दिन बुलावा
जाने का पैगाम आ जाये।।
सबसे बना कर रखें हम
दिल की नेक नियत से।
जाने किसी की दुआ कब
जिंदगी के काम आ जाये।।
-०-
No comments:
Post a Comment