हम भारतीय
(कविता)
हमारी मानसिकता...
अनंतकाल से,सहनशीलता।
हम संतोषी...
खोज ही लेते हैं..
दुर्गम से दुर्गम हालातों में भी,
अपनी ख़ुशी।
हम फरियादी ...
जब ना मिले सुख संतोष,
माँग लेते रब से,
करके फ़रियाद।
जब होती कोफ़्त...
जब कोई घटना,
मन को कचोटती,
कहीं किसी रोज़।
दर्द से बिलबिला कर,
अंगड़ाई लेते,
पर करवट नहीं बदलते,
हम भारतीय....
अपनी मानसिकता नहीं बदलते।
जैसा “वो” रखेगा,
रहेंगे..।
कुछ चाहिए तो,
अपने ज़िंदा होने का ,
सबूत भी देंगे।
हम भारतीय ,
सीधे साधे...
बात से कभी नहीं मुकरते ,
दिल माँगोगे,जाँ दे देंगे।
गर कह दें तो,कर के रहते।।
-०-
पता
अनंतकाल से,सहनशीलता।
हम संतोषी...
खोज ही लेते हैं..
दुर्गम से दुर्गम हालातों में भी,
अपनी ख़ुशी।
हम फरियादी ...
जब ना मिले सुख संतोष,
माँग लेते रब से,
करके फ़रियाद।
जब होती कोफ़्त...
जब कोई घटना,
मन को कचोटती,
कहीं किसी रोज़।
दर्द से बिलबिला कर,
अंगड़ाई लेते,
पर करवट नहीं बदलते,
हम भारतीय....
अपनी मानसिकता नहीं बदलते।
जैसा “वो” रखेगा,
रहेंगे..।
कुछ चाहिए तो,
अपने ज़िंदा होने का ,
सबूत भी देंगे।
हम भारतीय ,
सीधे साधे...
बात से कभी नहीं मुकरते ,
दिल माँगोगे,जाँ दे देंगे।
गर कह दें तो,कर के रहते।।
-०-
पता
श्रीमती कमलेश शर्मा
जयपुर (राजस्थान)
-0-
बहुत खूब....👌👌
ReplyDeleteबाह! क्या कविता लिखी है, आप को बहुत बहुत बधाई है आदरणीय! सुन्दर कविता रचने के लिये।
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