पहले उनसे नजर
(ग़ज़ल)
पहले उनसे नजर मिला
उसपर एक खुमारी लिख
सबका चुकता करके तूँ
फिर से एक उधारी लिख
बोझ उठाकर थोडा सा
अपनी जिम्मेदारी लिख
छोड़ के मन्दिर मस्जिद को
भूखों की लाचारी लिख
सारी दुनिया नचा रहा जो
उसको बड़ा मदारी लिख
चाल फरेब धोखा गद्दारी
इनको दुनियादारी लिख
सारे चेहरे अलग अलग हैं
उसकी भी फनकारी है
बहुत बहुत बधाई है आदरणीय ! सुन्दर रचना के लिये।
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