मौत से लड़ना क्या
(कविता)
मौत से लड़ना क्या ,
मौत तो एक बहाना है,
जिन्दगी के पन्नों में,
कब क्या हो जाए,
ये न तो मै जानता न तुम,
उल्फत न मिलती ,
जिवन के रुसवाईयो मे,
हर जहा हमे पता होता ,
जिवन के रह्नुमाईयो मे,
मौत से मुड़ना क्या,
आरजू , गुस्त्जू से ,
अनुभूतियाँ नही होती ,
हर रास्तों मे हमे,
कोई खूबियाँ नही मिलती,
क्या जाने कब मौत आ जाए ,
जिन्दगी की डगर पे ,
धूप की छाँव मे,
वर्षा की राहों मे,
मुद्ते बदल देती है,
मौत तो एक आकांक्षा है ,
मौत से लड़ना,
मौत तो एक बहाना है ,
जिवन की राहो मे,
यमदूत से डरना क्या,
दोस्त बना लेना है!
मौत से लड़ना क्या ,
मौत तो एक बहाना है,
जिन्दगी के पन्नों में,
कब क्या हो जाए,
ये न तो मै जानता न तुम,
उल्फत न मिलती ,
जिवन के रुसवाईयो मे,
हर जहा हमे पता होता ,
जिवन के रह्नुमाईयो मे,
मौत से मुड़ना क्या,
आरजू , गुस्त्जू से ,
अनुभूतियाँ नही होती ,
हर रास्तों मे हमे,
कोई खूबियाँ नही मिलती,
क्या जाने कब मौत आ जाए ,
जिन्दगी की डगर पे ,
धूप की छाँव मे,
वर्षा की राहों मे,
मुद्ते बदल देती है,
मौत तो एक आकांक्षा है ,
मौत से लड़ना,
मौत तो एक बहाना है ,
जिवन की राहो मे,
यमदूत से डरना क्या,
दोस्त बना लेना है!
-०-
पता:
रूपेश कुमार
रूपेश कुमार
चैनपुर,सीवान बिहार
-०-
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