*** हिंदी प्रचार-प्रसार एवं सभी रचनाकर्मियों को समर्पित 'सृजन महोत्सव' चिट्ठे पर आप सभी हिंदी प्रेमियों का हार्दिक-हार्दिक स्वागत !!! संपादक:राजकुमार जैन'राजन'- 9828219919 और मच्छिंद्र भिसे- 9730491952 ***

Saturday, 25 April 2020

तुम देखोगे लक्ष्य भी पास में है (कविता) - अजय कुमार व्दिवेदी


तुम देखोगे लक्ष्य भी पास में है 
(कविता)
जब विचलित हो मन चिंतित भी हो।
जब अनजाने डर से शंकित भी हो।

उस समय आप निर्भीक बनो।
अपने डर से आप स्वयं लड़ो।

एक पल मे ही डर गायब होगा।
चिंतित मन भी फिर खुश होगा।

खुशहाली होगी फिर गांवों में।
हर पिपल बरगद की छांवों में।

ना किसी का तुम उपहास करो।
ना किसी का तुम उपहास बनो।

जो भी करना हैं काम करो।
जग में तुम अपना नाम करो।

तुम बदनामी से डरो सदा।
पथ पर अपने अड़ो सदा।

फिर सब कुछ तुम्हारे हाथ में हैं।
तुम देखोगो लक्ष्य भी पास में हैं।
-०-
अजय कुमार व्दिवेदी
दिल्ली
-०-



***
मुख्यपृष्ठ पर जाने के लिए चित्र पर क्लिक करें 

No comments:

Post a Comment

सृजन रचानाएँ

गद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०

गद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०
हार्दिक बधाई !!!

पद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०

पद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०
हार्दिक बधाई !!!

सृजन महोत्सव के संपादक सम्मानित

सृजन महोत्सव के संपादक सम्मानित
हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ