*** हिंदी प्रचार-प्रसार एवं सभी रचनाकर्मियों को समर्पित 'सृजन महोत्सव' चिट्ठे पर आप सभी हिंदी प्रेमियों का हार्दिक-हार्दिक स्वागत !!! संपादक:राजकुमार जैन'राजन'- 9828219919 और मच्छिंद्र भिसे- 9730491952 ***

Monday, 6 April 2020

कोरिना वायरस का प्रभाव (आलेख) - डॉ . भावना नानजीभाई सावलिया



कोरिना वायरस का प्रभाव 
      (आलेख)
सारे विश्व में कोरोना के कहर ने हंगामा मचा दिया है । अंबर और अवनि पर सन्नाटा छाया हुआ है । प्रदूषण फूँकते वाहन के पहिए थम गये हैं । सड़कों, दुकानों, मोल, शाला-कॉलेजों , ऑफिसों, कंपनियों,उद्योगों,मण्डी-बाजारों, आदि भीड़ वाले स्थान एक ही रात के आह्वान से कुछ ही घंटों में शून्य सा नजर आ गया है । सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक, सांस्कृतिक वातावरण के साथ ही प्राकृतिक वातावरण भी शांत हो गया है । लोग अपनी, परिवार की और देश की जान बचाने के लिए अपने घरों में बैठकर देश को सहयोग दे रहे हैं। लोगों में निरंतर सावधानी जागृत करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, सोशल मीडिया के माध्यम से मीडिया कर्मी सतत सूचना देते रहते हैं । 
लोगों को मुश्किलें कम हो इसके लिए जितना हो सके उतना समाज सेवकों और सरकार द्वारा खयाल रखा जाता है । लोगों की जान बचाने के लिए अपनी जान, अपने परिवार की परवाह किए बिना हमारे देश के कर्मठ, समर्पित डॉक्टर्सं,नर्सिस, जवानों, पोलिस कर्मियों, समाज सेवकों, सफाई कामदारों, राज-नेताओं, साधु संतों आदि लोग प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष अपना योगदान दे रहे हैं ।
लोकडाउन से वाहन व्यवहार बंद हो जाने से वातावरण प्रदूषण मुक्त होने लगा है । सबसे बड़ा फायदा यह हुआ कि कोई एक्सीडेंट में नहीं मर रहा है , किसी की हत्या नहीं होती है । अस्पताल में सामान्य रोगियों की संख्या कम हो गई हैं । व्यक्तिगत और पारिवारिक खर्च में कमी आ गयी है । नशा-व्यसन करनेवालों की आदतें सुधरने लगी है । बिनावश्यक पेट्रोल-डीजल का , बाहर की पार्टी का, थियेटर में जाने का, बिन जरूरी शोपिंग का, घूमने आदि के खर्च में कमियाँ आने से बचत हुई है और परिवार का महत्व बढ़ा है । हाँ आर्थिक नुकसान जरूर हुआ है ,पर इससे अधिक महत्व परिवार का होने से , अर्थ की तो हम भरपाई कर लेंगे ।
सामाजिक दूरियों से परिवार दिल से नजदिक आया है , एक दूसरे की भावना समझ में आयी है । निरंतर कामों में और आर्थिक उपार्जन में उलझे हुए सदस्य आज सही मायने में परिवार में अपनी पहचान बना पाया है । आज वह पूरा दिन अपने परिवार से समर्पित होने से सुकून प्राप्त करता है । देखो लोक डाउनलोड से नुकसान कम हुआ है । इसने संयम सिखाया है । तिमिर और प्रकाश से , सुख-दुख से ही हमारा सही निर्माण होता है । हम सब एक-दूसरे के बने रहें, सबको साथ देते और निभाते रहें, मंगल कामनाएँ करते रहें, ऐसी मंगल भावना के साथ हमारा देश और विश्व सलामत रहें ।
-०-
पता:
डॉ . भावना नानजीभाई सावलिया
सौराष्ट्र (गुजरात)

-०-

***
मुख्यपृष्ठ पर जाने के लिए चित्र पर क्लिक करें 

No comments:

Post a Comment

सृजन रचानाएँ

गद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०

गद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०
हार्दिक बधाई !!!

पद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०

पद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०
हार्दिक बधाई !!!

सृजन महोत्सव के संपादक सम्मानित

सृजन महोत्सव के संपादक सम्मानित
हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ