*** हिंदी प्रचार-प्रसार एवं सभी रचनाकर्मियों को समर्पित 'सृजन महोत्सव' चिट्ठे पर आप सभी हिंदी प्रेमियों का हार्दिक-हार्दिक स्वागत !!! संपादक:राजकुमार जैन'राजन'- 9828219919 और मच्छिंद्र भिसे- 9730491952 ***

Monday, 4 May 2020

जो हमने दिन रात सहा (ग़ज़ल) - अमित खरे

जो हमने दिन रात सहा
(ग़ज़ल)
जो हमने दिन रात सहा है
केवल वो ही दर्द कहा है
बनकर मोती प्यार हमारा
आँखों से हर रोज बहा है
मुस्कानों के ढेर लगे हैं
भीतर भी कुछ टूट रहा है
गैरों ने हरदम ठुकराया
तुमने भी कब हाथ गहा है
तुम तो बस जादू कहते हो


मेरा सब सामान लूटा है
-०-
अमित खरे 
दतिया (मध्य प्रदेश)
-०-




***
मुख्यपृष्ठ पर जाने के लिए चित्र पर क्लिक करें 

No comments:

Post a Comment

सृजन रचानाएँ

गद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०

गद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०
हार्दिक बधाई !!!

पद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०

पद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०
हार्दिक बधाई !!!

सृजन महोत्सव के संपादक सम्मानित

सृजन महोत्सव के संपादक सम्मानित
हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ